कोरोना संक्रमण से जूझ रहीं अंतरराष्ट्रीय ‘शूटर दादी’ चंद्रो तोमर ने भी दुनिया को कहा अलविदा

चंद्रो तोमर का निधन
'शूटर दादी' चंद्रो तोमर। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ/बागपत। कोरोना संक्रमण से जूझ रहीं उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय शूटर दादी चंद्रो तोमर की शुक्रवार को मौत हो गयी है। कुछ दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। मौत का कारण ब्रेन हेम्ब्रेज बताया जा रहा।

बागपत के जौहड़ी गांव निवासी शूटर दादी चन्द्रों की मेडिकल कॉलेज में आज दोपहर उपचार के दौरान मौत हो गई है। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। मेडिकल के कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. धीरज बालियान ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले वह आनंद अस्पताल में भर्ती थी। हालत बिगड़ने पर गुरुवार रात सात बजे उन्हें मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था। तब से वह मेडिकल के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती थी।

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मूलरूप से शामली के गांव मखमूलपुर में शूटर दादी का जन्म एक जनवरी 1932 को हुआ। सोलह साल की उम्र में जौहड़ी के किसान भंवर सिंह से उनकी शादी हो गई। भरे-पूरे परिवार में निशानेबाजी सीखने की दिलचस्प कहानी है।

बता दें कि साल 1998 में जौहड़ी में शूटिंग रेंज की शुरुआत डॉ. राजपाल सिंह ने की। लाडली पौत्री शेफाली तोमर को निशानेबाजी सिखाने के लिए वह रोज घर से शूटिंग रेंज तक जाती थी। शेफाली शूटिंग सीखती और चंद्रो तोमर देखती रहती थी। एक दिन चंद्रो तोमर ने एयर पिस्टल शेफाली से लेकर खुद निशाना लगाया। पहला निशाना दस पर लगा… दादी की निशानेबाजी देख रहे बच्चों ने तालियां बजाई। यहीं से शुरू हुआ चंद्रो तोमर की निशानेबाजी का सफर।

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