बुंदेलखंड में पानी की समस्‍या को दूर करने के लिए योगी सरकार ने इजराइल से किया समझौता, जानें इससे जुड़ी खास बातें

प्लान ऑफ को-ऑपरेशन

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में जल संसाधन के प्रबंधन की परियोजना के लिए आज एपीसी सभागार में योगी सरकार तथा जल संसाधन मंत्रालय, इजराइल के मध्य ‘प्लान ऑफ को-ऑपरेशन‘ हस्ताक्षरित किया गया। इजराइल की तरफ से भारत में इजराइल के राजदूत डॉ. रॉन मल्का तथा उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन आयुक्‍त, आलोक सिन्हा ने इस महत्वाकांक्षी ‘प्लान ऑफ को-ऑपरेशन‘ पर हस्ताक्षर किया।

पानी के संकट से उबारने में मदद मिलेगी- रॉन मल्का 

इस मौके पर भारत में इजराइल के राजदूत डॉ. रॉन मल्का ने परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पानी के संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए यह परियोजना बहुत उपयोगी साबित होगी। यूपी का बुंदेलखंड क्षेत्र गर्मियों में पेयजल की समस्या से ग्रसित होता है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्‍त की कि यूपी सरकार और इजराइल के सहयोग से इस क्षेत्र को पानी के संकट से उबारने में मदद मिलेगी। साथ ही सिंचाई एवं पेयजल की समस्या के समाधान में भी मदद मिलेगी। दोनों देश के रिश्‍तों पर बात करते हुए इजराइल के राजदूत ने कहा कि इजराइल और भारत के संबंध ऐतिहासिक व मजबूत हैं। इजराइल सरकार भारत को हर संभव सहयोग देने के लिए कटिबद्ध है।

डैन एल्यूफ ने विकसित किया प्रोजेक्ट: आलोक सिन्हा

एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद कृषि उत्पादन आयुक्‍त आलोक सिन्हा ने बताया कि बुंदेलखंड में जल प्रबंधन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार करने के लिए प्लान आफ को-ऑपरेशन के द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में इजराइल के सहयोग से ‘इंडिया-इजराइल-बुंदेलखंड वाटर प्रोजेक्ट पर काम किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट को डैन एल्यूफ, काउंसलर एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर, इजराइल द्वारा विकसित किया गया है। परियोजना के अंतर्गत उन्नत कृषि उपायों, इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन के द्वारा क्षेत्र में जल प्रबंधन काम किया जायेगा।

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साथ ही एपीसी ने बताया कि झांसी स्थित पहुज डैम के जलाशय को परियोजना के अंतर्गत सिंचाई के लिए इंटीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन से युक्‍त किया जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन में आवश्यक सहयोग तथा क्षमता वृद्धि के लिए इजराइल के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जायेगी, साथ ही साथ नवीनतम सिंचाई तकनीकों को भी परियोजना में समावेशित किया जायेगा। शुरू में प्लान आफ को-आपरेशन दो सालों के लिए हस्ताक्षरित किया जायेगा, जिसको बाद में परियोजना के हित में आवश्यकतानुसार विस्तारित किया जा सकेगा।

कृषि उत्पादन आयुक्‍त के अनुसार इस परियोजना के द्वारा बुंदेलखंड एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में जल की समस्या का समाधान करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड की जनता एवं वहां के किसानों के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही यह परियोजना पूरे देश के लिए रोल मॉडल भी साबित होगी।

इजराइल में आज मनाया जाता है ‘इंडिया-डे‘ 

आलोक सिन्‍हा ने बताया कि इजराइल में आज के दिन ‘इंडिया-डे‘ मनाया जाता है, इसलिए आज इसका महत्व और भी बढ़ गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस परियोजना में भारत के 28 जनपदों में से दो जिले उत्तर प्रदेश के शामिल किये गये हैं, जिसमें पहले चरण में झांसी जिले के बबीना ब्लॉक के 25 गांवों को सम्मिलित किया गया है।

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प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि बुंदेलखंड कम वर्षा क्षेत्र है, जिससे यहां के किसानों को अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परियोजना से वहां के किसानों की इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन तकनीकी के माध्यम से खेती करायी जाएगी, जिससे किसान लाभान्वित होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा यह अत्‍यंत सराहनीय कदम है, इससे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होगा।

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इस अवसर पर निदेशक, भूगर्भ जल वीके उपाध्याय तथा डैन एल्यूफ, कांउसलर एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर, इजराइल भी मौजूद थे।