आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बाजारखाला के ऐशबाग इलाके में शनिवार सुबह 28 वर्षीय एक युवती ने घर कें आंगन में लगे पेड़ के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। युवती रोडवेज में संविदा पर कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करती थी। समझा जा रहा है कि करीब पांच महीने पहले हुए एक हादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद हताश हुई युवती ने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली है।
हालांकि कुछ लोग युवती के फांसी लगाए जाने पर सवाल उठा रहे थे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही जांच शुरू कर दी है। वहीं नताश की मौत से परिजनों में रोना-पीटना मचा है।
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बताया जा रहा है मां-बाप की मौत के बाद से ऐशबाग के धोबी घाट पर नताश वर्मा (28) अपने भाई संतोष वर्मा उसकी पत्नी राधा के अलावा एक अन्य भाई के साथ रहती थी। प्राइवेट नौकरी करने वाले दोनों भाई सुबह काम पर चले गए। जबकि नाश्ता करने के बाद नताश घर में ही मौजूद थी और उसकी भाभी घरेलु काम कर रही थी। राधा ने बताया कि कुछ देर के लिए वह काम से कमरे में गयी। इसी बीच नताश ने आंगन में लगे अमरुद के पेड़ के सहारे साड़ी के फंदे से लटकर जान दे दी।
आठ नवंबर के बदल गयी जिंदगी
परिजनों का कहना था कि नताश परिवहन विभाग में संविदा पर नौकरी कर रही थी, लेकिन बीते वर्ष आठ नवंबर को दुबग्गा में हुए एक सड़क हादसे में उसके दोनों हाथ कट गए। जिसके बाद से ही वह काफी उदास रहती थी। मध्य वर्गीय परिवार और नाताशा के कार्यालय के लोगों की सहायता से ढाई लाख खर्च कर दाहिना हाथ लगवाया गया था। जबकि बाए हाथ भी लगवाने की तैयारी वह लोग कर रहे थे। इसी बीच नताश ने ये कदम उठा लिया।
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परिवार के लोग जहां नताश की मौत को सुसाइड बता रहे थे, वहीं आसपास के कुछ लोग का मानना था कि एक हाथ से फांसी लगाना संभव नहीं है। अगर हाथ बनावटी हो तो ये काम और भी मुश्किल हो जाता है।
घरवालों ने कोई शिकायत नहीं की है। प्रथम दृष्टया मामला अवसाद के चलते आत्महत्या करने का लगा रहा है। पुलिस मामले की जांच करने के साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जिसके आने के बाद काफी कुछ साफ हो जाएगा। विकास चंद्र त्रिपाठी, एएसपी पश्चिम