आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाले गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी ऊर्फ जीवा हत्याकांड के बाद से योगी सरकार लगातार विरोधियों के निशाने पर है। आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस हत्याकांड के पीछे सरकार का हाथ होने का अंदेशा जताते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग के लिए याचिका दायर की है। पूर्व आइपीएस अफसर अमिताभ ने योगी सरकार पर संगीन आरोप लगाते हुए गुरुवार को यह भी कहा है कि विपक्ष के नेता व सरकार विरोधी माने जाने वाले लोगों की भी आगे चलकर इसी तरह से हत्या कराई जा सकती है।
विपक्षी माने जाने वाले तमाम अपराधियों की हत्याएं हुई
हत्याकांड की सीबीआइ जांच कराने के लिए जिला जज के समक्ष प्रस्तुत याचिका में अमिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर की ओर से कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में पुलिस और न्यायिक हिरासत, जेल और अब कोर्ट रूम में मौजूदा सरकार के विपक्षी माने जाने वाले तमाम अपराधियों की हत्याएं हुई हैं, जो प्रथम दृष्टया राज्य पोषित हत्याएं दिखती हैं।
यह भी पढ़ें- बागपत जेल में डॉन मुन्ना बजरंगी को गोलियों से भूना, दस दिन पहले पत्नी ने जतायी थी हत्या की आशंका
साथ ही कहा गया है कि आगे चलकर सरकार के विपक्षी तथा विरोधी माने जाने वाले गैर आपराधिक लोगों की भी इसी तरह से हत्या हो सकती है। अतः जिला जज अपनी न्यायिक शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार को यह विवेचना सीबीआइ को संदर्भित करने का निर्देश दें।
यह भी पढ़ें- Video: माफिया अतीक अहमद व अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या, पत्रकार बन आए हत्यारों ने कैमरे व पुलिस के सामने ही कर दिया दोनों भाईयों को छलनी
कोर्ट परिसर में उनकी हत्या किए जाने की सूचना दी गई
इसके अलावा अमिताभ ठाकुर की याचिका में यह भी कहा गया है कि पिछले दिनों अमिताभ और नूतन ठाकुर को प्राप्त एक प्रार्थना पत्र में कोर्ट परिसर में उनकी हत्या किए जाने की सूचना दी गई थी, जिस संबंध में अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। अतः उस सूचना के संबंध में भी समुचित कार्रवाई किए जाने की प्रार्थना की गई है।
यह भी पढ़ें- सुबह पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने की राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा, दिन में मुकदमा लिख पुलिस ने शाम को भेज दिया जेल, जानें आखिर क्या है मामला
बताते चलें कि इससे पहले बुधवार को कोर्ट रूम में जीवा की हत्या के ठीक बाद अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कहा था कि उनके द्वारा तमाम चश्मदीद गवाहों से ली गई जानकारी के अनुसार यह मामला मात्र दो राइवल गैंग के बीच का नहीं है, बल्कि यह मामला एक सोची समझी साजिश के तहत उच्च पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा कराई गई राज्य पोषित राजनैतिक हत्या है।