अब पुलिस कस्‍टडी में मुख्‍तार के करीबी गैंगस्‍टर जीवा की कोर्ट रूम में हत्‍या, वकील के ड्रेस में बदमाशों की ताबड़तोड़ फायरिंग में मां-बेटी समेत दो सिपाही भी घायल

संजीव माहेश्‍वरी
गोलियां लगने के बाद कोर्ट रूम में गिरा संजीव माहेश्‍वरी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। पुलिस कस्‍टडी में माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की सनसनीखेज हत्‍या को लोग अभी ठीक से भूल भी नहीं पाए थे कि बुधवार को सूबे की राजधानी लखनऊ में भी बदमाशों ने कुछ उसी अंदाज में एक और हत्‍याकांड को अंजाम दिया है। पुलिस सुरक्षा में जेल से लखनऊ की एससीएसटी कोर्ट में पेशी पर आज लाए गए बाहुबली मुख्‍तार अंसारी के करीबी गैंगस्‍टर संजीव माहेश्‍वरी ऊर्फ जीवा को अधिवक्‍ताओं के ड्रेस में आए बदमाशों ने कोर्ट रूम में जज के सामने ही गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया है।

वकीलों से भरे कोर्ट में पुलिस के सामने दिनदहाड़े हुई इस गोलीबारी में एक मां व उसकी करीब तीन वर्षीय बेटी समेत दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, बच्‍ची की हालत गंभीर बताई जा रही, उसको अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दोनों पुलिसकर्मी व बच्‍ची की मां खतरे के बाहर हैं।

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इस हत्‍याकांड ने जहां लखनऊ पुलिस कमिश्‍नरेट की सुरक्षा-व्‍यवस्‍था की धज्जियां उड़ा दी वहीं उसके इकबाल पर भी करारी चोट पहुंचाई है, हांलाकि पुलिस के लिए कुछ राहत की बात यह जरूर है कि हत्‍याकांड को अंजाम देने के बाद भाग रहा एक बदमाश को वकीलों ने हिम्‍मत दिखाते न सिर्फ धर दबोचा, बल्कि उसकी जमकर पिटाई भी की। पुलिस ने काफी मशक्‍कत के बाद बदमाश को आक्रोशित वकीलों के चंगुल से बचाया।

हत्‍याकांड से गुस्‍साए वकीलों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए नारेबाजी व पथराव भी किया, जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया और कई अन्‍य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयीं हैं इसके अलावा पुलिस के वाहन भी क्षतिग्रस्‍त हो गए।

पुलिस की लापरवाही से भागा दूसरा हत्‍यारा

दिनदहाड़े जज के कमरे में हुए इस हत्‍याकांड को लेकर वकीलों का कहना था कि एक हत्‍यारे को तो उन लोगों ने पकड़ लिया, लेकिन दूसरा पुलिस की लापरवाही की वजह से भागने में कामयाब रहा। वकीलों का यह भी कहना था कि पुलिस कोर्ट परिसर तो दूर जज के कमरे तक में सुरक्षा नहीं दे पा रही, ऐसे में तो आए दिन कोई भी घटना को अंजाम देकर निकल जाएगा। वहीं इस सनसनीखेज हत्‍याकांड से अन्‍य लोगों में भी दहशत और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर गुस्‍सा है।

पत्‍नी ने जताई थी हत्‍या की आशंका, आज सुरक्षा भी थी कम

कहा यह भी जा रहा है कि जीवा की पत्‍नी रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी पायल महेश्‍वरी ने पहले ही पेशी के दौरान पति की हत्‍या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। इसके अलावा जीवा की पेशी न सिर्फ पुलिस की भारी भरकम सुरक्षा में होती थी, बल्कि उसे बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनाई जाती थी, लेकिन आज न सिर्फ उसकी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की संख्‍या कम थी, बल्कि वह जैकेट भी नहीं पहने था। ऐसे में इस हत्‍याकांड में किसी वर्दीधारी के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

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बताया जा रहा है कि भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारवास की सजा पाने वाला मुजफ्फरनगर के शाहपुर आदमपुर निवासी संजीव महेश्‍वरी उर्फ जीवा (49 वर्ष) करीब दो दशकों से जेल बंद में था। जीवा को आज पुलिस हत्या व एससीएसटी के एक केस  में लखनऊ जेल से पेशी के लिए एससीएसटी कोर्ट लाई थी। शाम करीब चार बजे वकील के भेष में कोर्ट रूम में मौजूद बदमाशों ने जीवा पर घात लगाकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। करीब आधा दर्जन गोली लगने के बाद जीवा वहीं ढेर हो गया, जबकि पैर में गोली लगने से पुलिस के दो सिपाहियों के अलावा एक महिला नीलम के हाथ व उसकी बच्‍ची लाडो की पीठ में भी गोली लगने से चारों घायल हो गए।

गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर मची भगदड़

वहीं गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर भगदड़ मच गयी, जिसका फायदा उठाते हुए एक हत्‍यारा मौके से भाग निकला, जबकि दूसरे को वकीलों ने धर दबोचा। घटना की सूचना पर स्‍थानीय वजीरगंज पुलिस के अलावा कार्यवाहक पुलिस कमिश्‍नर समेत पुलिस के कई अन्‍य अधिकारी व पीएसी के जवान भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जीवा समेत चारों अन्‍य घायलों को अस्‍पताल पहुंचाया, जहां कुछ देर बाद डॉक्‍टरों ने जीवा को मृत घोषित कर दिया।

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दूसरी ओर पुलिस ने पकड़े गए बदमाश की पहचान जौनपुर जनपद निवासी आनंद यादव के रूप में की है। विजय पर पहले से भी लड़की भगाने समेत कुछ अन्‍य अपराध के मुकदमें दर्ज होने की बात कही जा रही। रात तक पुलिस विजय से पूछताछ करते हुए यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि इस हत्‍याकांड में कुल कितने लोग शामिल थे और इसको किसके इशारे पर अंजाम दिया गया है।

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इस बारे में लखनऊ के कार्यवाहक पुलिस कमिशनर का कहना है कि आरोपी को पकड़ लिया गया है। पूछताछ की जा रही। वह वकीलों के भेष में आया था। ये पता किया जा रहा है कि वारदात में अकेला यही आरोपी शामिल है या फिर उसके साथी भी हैं। साजिश किसने, कब और क्यों रची। इसकी भी जानकारी की जा रही।