आरयू ब्यूरो,लखनऊ। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार केंद्र सरकार को एक बार फिर सलाह दी है। मायावती ने केंद्र सरकार से कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी पर जिद छोड़कर अपने फैसले वापस ले।
मायावती ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि ‘अब तो सीएए और एनआरसी के विरोध में केंद्र सरकार के एनडीए में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अतः बसपा की मांग है कि वे अपनी जिद छोड़कर इन फैसलों को वापस ले। ’उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी अपील है कि वे अपना विरोध शान्तिपूर्ण ढंग से ही प्रकट करें।
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मायावती ने इससे पहले एक ट्वीट में कहा था कि देश एवं व्यापक जनहित में केंद्र को चाहिए कि वह नए नागरिकता कानून को वापस लेकर अर्थव्यवस्था की बदहाली, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी, रुपए की गिरती कीमत आदि की राष्ट्रीय समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करे।
बता दें कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो ने पार्टी समर्थकों को नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन करने की जगह डाक और मेल आदि से संबंधित राज्य के डीएम, सीएम व राज्यपाल को लिखित ज्ञापन भेजने को कहा है। उन्होंने लोगों से तोड़फोड़ व हिंसा न करने की अपील की है। मायावती ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए नागरिकता कानून व एनआरसी को जबर्दस्ती थोपने के अंदेशे में पूरे देश में जगह-जगह जनाक्रोश है।
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मायावती ने कहा कि बसपा एक अनुशासित तथा संविधान व कानून-कायदों में विश्वास रखने वाली पार्टी है। बसपा दूसरी पार्टियों के लोगों की तरह सड़कों पर उतरकर हिंसा, तोड़फोड़ व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम कभी नहीं करती है। उन्होंने पार्टी समर्थकों से अपील की कि वे इस मामले में इमरजेंसी जैसे दमनकारी हालात के मद्देनजर सड़कों पर कतई न उतरें।