आप सरकार के धरने पर हाई कोर्ट ने उठाया सवाल, किसने दी इजाजत

आप का धरना

आरयू वेब टीम। 

एक ओर सोमवार को भी आम आदमी पार्टी का उप-राज्‍यपाल (एलजी) के कार्यालय में धरना जारी रहा। वहीं दूसरी ओर आज दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार से पूछा कि उप-राज्यपाल  दफ्तर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में हो रहे धरने को किसने अधिकृत किया है।

न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की कि हड़ताल या धरना किसी के दफ्तर या आवास के भीतर नहीं बल्कि बाहर किया जाता है। न्यायमूर्ति ए के चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। बता दें कि हाई कोर्ट में एक याचिका केजरीवाल के प्रदर्शन के खिलाफ है, जबकि दूसरी दिल्ली प्रशासन के आइएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ है।

वहीं आप सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील सुधीर नंदराजोग ने पीठ के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहकर्मियों ने प्रदर्शन करने का फैसला व्यक्तिगत तौर पर लिया है और संविधान के तहत उन्हें ऐसा करने का अधिकार है।

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अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि इन मामलों में पीठ एक ही निर्देश जारी कर सकती है और वह भी आइएएस अधिकारियों के लिए कि वे मंत्रियों की ओर से आयोजित नियमित विभागीय बैठकों में शिरकत करें। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की एसोसिएशन ने कल एक प्रेस कांफ्रेंस कर स्वीकार किया था कि वे नियमित तौर पर आयोजित की जाने वाली बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे। बहस के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि कोई भी आइएएस अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं।

सरकार ने पीठ से केजरीवाल और अन्य को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे उप-राज्यपाल अनिल बैजल का दफ्तर खाली करें। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता ने भी आज केजरीवाल के प्रदर्शन के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।

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भाजपा सांसद प्रवेश सिंह साहिब, ‘आप’ के बागी विधायक कपिल मिश्रा और भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी गुप्ता की याचिका में संयुक्त याचिकाकर्ता हैं। कुछ दलीलें सुनने के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 जून तय कर दी। पीठ ने कोई अंतरिम निर्देश भी पारित नहीं किया।