‘बोले राहुल-अखिलेश, ‘यह दिलों का है गठबंधन’

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प्रेसवार्ता में राहुल गांधी-अखिलेश यादव साथ में नरेश उत्तम और गुलाम नबी आजाद। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। जिस दिन का लोगों को बेसब्री से इंताजार था आखिर वह दिन आज आ ही गया। कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव एक मंच पर दिखाई दिए। गोमतीनगर स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता के दौरान दोनों ने हाथ के साथ ही दिलों के गठबंधन की बात भी कही।

इसके अलावा दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवाल का गर्मजोशी से जवाब दिया। हालांकि कुछ जवाबों पर घुमा भी गए। अखिलेश ने कहा कि साइकिल को हाथ का सहारा मिल जाने के बाद अब यह और तेजी से भागेगी। हम प्रदेश के साथ ही देश को भी तरक्‍की के रास्‍ते पर ले जाएंगे। प्रदेश में तीन सौ से ज्‍यादा सीट जीतने वाले हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश को इस गठबंधन से बहुत कुछ हासिल होने वाला है। गंगा-यमुना के संगम से विकास की सरस्‍वती निकलेगी। प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार के सवाल पर राहुल ने कहा कि वह मेरी बहन होने के साथ ही पार्टी की नेता भी हैं। इसका फैसला उन्‍हें खुद ही करना है। इसके लिए किसी तरह का उन पर दबाव नहीं है।

भाजपा सरकार और मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि उनकी नियत ठीक नहीं है, ईमानदारी की सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होता। वह पंजाब में सुखबीर बादल जैसे लोगों के लिए वोट मांग रहे हैं। राहुल ने आज फिर दोहराते हुए कहा कि उन्‍होंने पहले ही कहा था कि अखिलेश ठीक लड़का है, उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है।

बीजेपी, मोदी और आरएसएस पर जमकर बरसने के दौरान ही राहुल गांधी ने मायावती की तारीफ की तो लोगों के साथ ही अखिलेश यादव भी सकते में आ गए। उन्‍होंने कहा कि वह कांशीराम के साथ ही मायावती का भी निजी तौर पर सम्‍मान करते हैं। उनकी राजनीत से देश को नुकासान नहीं पहुचने वाला।

दूसरी ओर अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि हम तो मायावती को भी गठबंधन में लेना चाहते थे, लेकिन उनका चुनाव चिन्‍ह तो हाथी इसलिए हम लोग उसे साइज के हिसाब से कहा जगाह दे पाते। इस दौरान गुलाम नबी आजाद, राजबब्‍बर, नरेश उत्‍तम, राजेनदर चौधरी समेत सपा और कांग्रेस के अन्‍य बड़े नेता वार्ता में मौजूद रहे।