आंकड़ों की बाजीगरी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। रोजगार नहीं मिलने के चलते यूपी में बड़ी संख्‍या में बेरोजगारों के जान देने के आंकड़े सामने आने के बाद गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने बेरोजागारों व शिक्षामित्रों के जान देने का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश अध्‍यक्ष ने आज मीडिया से कहा योगी सरकार युवा महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन प्रदेश के करोड़ों युवा बेरोजगार हैं और बेकारी की वजह से लगातार जान दे रहें हैं।

आंकड़ों की बात करते हुए लल्‍लू ने कहा कि एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018 में किसानों की आत्महत्या से ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है, जिसमें सबसे ज्‍यादा बेरोजगारों ने उत्तर प्रदेश में जान दी है। हर दो घंटे में तीन बेरोजगार खुदकुाशी कर रहे हैं। युवाओं द्वारा खुदकुशी के मामले में भाजपा शासित राज्य शीर्ष स्तर पर हैं।

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उन्‍होंने आगे कहा कि जहां पूरे देश में बेरोजगारी की दर 9.9 प्रतिशत है। वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 15.8 प्रतिशत है, जबकि युवाओं के बीच 23.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर है, युवाओं को रोजगार न देकर जुमलेबाजी पर उलझाया जा रहा है। महोत्सवों, मेलों और शो के आयोजनों में मस्त योगी सरकार प्रदेश के करोड़ों बेरोजगार युवाओं व छात्रों की सुध तक नहीं ले रही है।

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वहीं शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने के बाद लगातार जान देने की घटनाओं को जिक्र करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्र कोर्ट के आदेशों के बाद निराशा के गहरे अंधेरे में चले गये हैं और शिक्षामित्रों की लगातार आत्महत्या करने की खबरें आ रही हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, रोजगार का अकाल है, प्रदेश का बेरोजगार लगातार आंदोलन कर रहा है। शिक्षामित्र, अनुदेशक, आंगनबाड़ी, रसोइये, उर्दू शिक्षक, पैरामेडिकल स्टाफ की मांग पूरी करने की जगह उन्हें भाजपा सरकार से लाठियां मिल रही हैं।

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योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं का शेडियूल भी बिगड़ चुका है। आए दिन नौकरियों के लिए हो रही परीक्षाएं निरस्त हो रही हैं। वहीं संविदा कर्मचारियों के सामने वेतन से लेकर छंटनी तक का संकट है।

बंदरबांट करने का माध्‍यम बनकर रह गया युवा महोत्व

अपने बयान में अजय कुमार ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि योगी सरकार द्वारा आयोजित किया गया युवा महोत्व प्रदेश के संसाधनों का बंदरबांट करने का माध्‍यम बनकर रह गया है। वहीं उन्‍होंने पिछले साल आयोजित हुए समिट का पर भी सवाल करते हुए कहा कि इंवेस्टर समिट में होने वाले सरकारी खर्च और समिट के बाद प्रदेश में आये निवेश और उससे सृजित होने वाले रोजगार के आंकड़े अभी तक क्यों सार्वजनिक नहीं किये गये हैं।

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साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि यूपी के सीएम ने खुद ही कहा था कि यहां के युवाओं में योग्यता की कमी है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने भी बेशर्मी भरा बयान दिया था कि उत्तर भारतियों में योग्यता नहीं होती है। एक तरफ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के युवाओं के बारे में ऐसे शर्मनाक बयान देते हैं। दूसरी तरफ बिना रोजगार सृजन किये युवा महोत्सव मनाना प्रदेश के युवाओं के साथ मजाक है।

यूपी में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा बिना धांधली…

इस दौरान शिक्षक भर्ती व अन्‍य के कोर्ट में पहुंचने का जिक्र करते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि यूपी में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा बिना धांधली और कोर्ट में विवादित हुए संपन्‍न नहीं हो रही है। इन सबके चलते प्रदेश का युवा मजबूरी में दूसरे राज्यों में जाकर काम धंधा ढूंढ रहा है, जो योगी सरकार की असफलता है।

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