आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बीती रात बीएड छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई मदद न मिलने पर आक्रोशित छात्रों शुक्रवार को भी प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं छात्रों ने विवि के मुख्य गेट पर ताला तक जड़ दिया।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के आक्रोश को देखते अधिकारी और कर्मचारियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए जांच कमेटी गठित कर दी है। विवि के कुलपति प्रवीर कुमार ने मामले की जांच के लिए प्रोफेसर शेफाली यादव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम बनाई है। इनमें प्रो. शेफाली के अलावा डॉ. अनामिका चौधरी, प्रो. राजीवनयन पांडेय और प्रो. विनोद कुमार सिंह शामिल हैं।
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कुलपति ने जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया। साथ ही विवि प्रशासन ने मामला बढ़ता देखकर दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया है।
वहीं छात्रा की मौत पर छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन और नरेबाजी जारी रखा। छात्रों ने विवि प्रशासन के सामने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे और जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग रखी।
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यह है पूरा मामला
बता दें कि विश्वविद्यालय की बीएड छात्रा पारुल सिंह (23) ने बृहस्पतिवार दोपहर हॉस्टल में फांसी लगा ली थी। साथी छात्राओं का आरोप है कि जब उन्होंने पारुल ऐसी हालत में देखा तो हॉस्टल की वार्डन सौम्या शंकर को इसकी जानकारी दी, पर कोई मदद नहीं मिली। वहीं अपनी दोस्त की जान बचाने के लिए छात्राओं ने कमरे का दरवाजा तोड़कर फंदा काटा और पारुल को अस्पताल ले गईं। हालांकि इलाज के दौरान पारुल ने दम तोड़ दिया।