आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमतीनगर विस्तार, जानकीपुरम विस्तार, कानपुर रोड व अन्य योजनाओं में बनें अपने सुलभ आवासों में रह रहे अवैध कब्जेदारों पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। बिना एलडीए को भुगतान किए लाखों के सुलभ आवास में मौज काटने वालों के साथ ही एलडीए जांच में इसके लिए दोषी मिलने वाले अपने कार्मियों को भी बख्शने के मूड में नहीं है। अवैध कब्जेदारों के अलावा इसमें शामिल कर्मचारियों पर भी न सिर्फ एलडीए मुकदमा दर्ज कराएगा, बल्कि अवैध कब्जेदारों का सामान जब्त कर किराए और जुर्माने की भी वसूली करेगा।
रविवार को हुई आरडब्ल्यूए की बैठक में शिकायत सामने आने के 24 घंटों के अंदर ही कार्रवाई का एक्शन प्लॉन तैयार करते हुए सोमवार को एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। वीसी ने निष्पक्ष कार्रवाई के लिए 20 अफसरों को जिम्मेदारी दी है, जो रोज डेढ़ सौ आवास का निरीक्षण कर कब्जेदारों का सत्यापन व अन्य कार्रवाई करेंगे।
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उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सुलभ आवास के जिन फ्लैटों में अवैध कब्जेदार हैं, उन्हें पुलिस की सहायता से खाली कराया जाएगा। साथ ही अवैध कब्जेदारों का सामान जब्त करते हुए भवन को सील किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी एलडीए करवाएगा। इसके आलवा अवैध कब्जेदार जितने समय तक सुलभ आवास में रहें, उसकी वसूली जुर्माने के तौर पर उनसे की जाएगी।
वीसी ने कहा कि अवैध कब्जा कराने के मामले में एलडीए के जिस भी कर्मचारी की संलिप्तता सामने आएगी उसके खिलाफ न सिर्फ विभागीय कार्रवाई की जाएगी, बल्कि एलडीए उन पर व इसमें शामिल उनके सहयोगियों पर भी मुकदमा दर्ज कराएगा। यह अभियान अगामी सात जुलाई से 20 अफसरों की टीम शुरू करेगी।
रेंट की संपत्तियों से भी खदेड़े जाएंगे अवैध कब्जेदार
उपाध्यक्ष ने बताया कि अधिकारियों की इसी टीम द्वारा रेंट की संपत्तियों का भी निरीक्षण किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि स्थल पर वास्तविक किरायेदार ही रह रहा है या नहीं। उन्होंने बताया कि रेंट की जिन संपत्तियों को वास्तविक किरायेदारों द्वारा अन्य को सबलेट किया गया है, उनकी लिस्ट बना संपत्तियों को खाली कराकर एलडीए अपने कब्जे में लेगा रेंट की प्रॉपर्टी के निरीक्षण व सत्यापन का अभियान दस जुलाई से शुरू होगा।
बड़ी संख्या में आवंटियों ने जमा किया है आधे से भी कम पैसा
कहा जा रहा है कि अवैध कब्जेदारों ने अधिकतर उन आवासों पर कब्जा कर रखा है, जिनके आवंटियों ने रजिस्ट्री नहीं कराई है और बड़ी संख्या में ऐसे भी आवास है, जिनके आवंटियों ने सालों बीतने के बाद भी आवास का आधा पैसा भी जमा नहीं किया है। एलडीए कार्रवाई के बाद ऐसे आवंटियों का आवंटन कैंसिल भी कर सकता है।
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बताते चलें कि विभिन्न अपार्टमेंट के फ्लैट के आवंटियों की कई शिकायतें सामने आने के बाद इंद्रमणि त्रिपाठी ने रविवार को उनके आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं जानीं थीं। इस दौरान कल ही गोमतीनगर समेत विभिन्न सुलभ आवासों के आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने वीसी को बताया था कि फ्लैटों में रहने वाले अवैध कब्जेदारों की वजह से सबसे ज्यादा कॉलोनी में अराजकता फैल रही है। अवैध कब्जेदार न सिर्फ आवास में कई तरह की कॉमर्शियल गतिविधियां चला रहें, बल्कि असामाजिक तत्वों का भी दिन से देर रात तक वहां आना-जाना लगा रहता है, इससे खासकर महिलाओं व बच्चों पर काफी खराब असर पड़ रहा है।
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बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस बात का भी मुद्दा उठाया था कि अवैध कब्जेदारों को बसाने में एलडीए के भी कुछ कर्मी व जूनियर इंजीनियरों का हाथ है। उनके गुर्गों द्वारा बकायदा हर महीने अवैध कब्जेदारों से वसूली भी की जाती है। नवागत वीसी ने शिकायत को बेहद गंभीरता से लेते हुए बड़े एक्शन प्लॉन का खाका खींच आज कार्रवाई का आदेश भी जारी कर दिया।