आरयू वेब टीम।
कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर लंबे समय से चल रहे कयासों के दौर पर चार दिसंबर को विराम लग सकता है। सोमवार को पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई।
घोषित कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव की अधिसूचना एक दिसंबर को जारी होगी, और नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर (दोपहर 3 बजे तक) तय की गई है। नामांकन पत्रों की छंटनी पांच दिसंबर को की जाएगी, और वैध नामांकन पत्रों की सूची भी उसी दिन दोपहर 3:30 बजे जारी कर दी जाएगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर (दोपहर 3:30 बजे तक) है, और चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशियों की अंतिम सूची उसी दिन चार बजे जारी की जाएगी।
इन हालात में यदि एक से ज़्यादा वैध नामांकन दाखिल होते हैं, और चुनाव की नौबत आती है, तो मतदान 16 दिसंबर को होगा, तथा मतगणना 19 दिसंबर को करवाई जाएगी, लेकिन माना जा रहा है कि राहुल गांधी के खिलाफ कोई भी नेता नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेगा। इसलिए चार दिसंबर को ही उनका निर्विरोध पार्टी का अध्यक्ष चुना जाना तय है।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस कमेटी ने पास किया राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव
कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी की ओर से राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। ऐसे में अब राहुल गांधी का अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना औपचारिकता मात्र रह गया है।
उधर इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने सुबह मीडिया से कहा है कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया चलती है तो कांग्रेस कार्यसमिति अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अलग से तारीख तय करती है। ऐसे में आज कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के शिड्यूल को पार्टी कार्य समिति स्वीकृति दे सकती है।
यह भी पढ़ें- अध्यक्ष बनाएं जाने की मांग पर UP कांग्रेस कमेटी में राहुल गांधी के नाम पर लगी मोहर
राहुल ने अमेठी जीतकर की थी पारी की शुरूआत
बताते चलें कि 2004 में राहुल ने उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता था और यहीं से उनकी राजनीतिक पारी का आगाज हो गया था। साल 2007 में उन्होंने कांग्रेस महासचिव के तौर पर संगठन में नई जिम्मेदारी संभाली। संप्रग की दस साल की सत्ता के दौरान उन्हें कई बार मनमोहन सिंह ने अपने कैबिनेट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया, मगर राहुल ने इंकार कर दिया। जयपुर में जनवरी 2013 में राहुल को औपचारिक रूप से सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी बनाते हुए उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर आगे बढ़ाया गया था। अब उनको पूरी तरह से कांग्रेस सौंपने की तैयारी की जा चुकी है।
यह भी पढ़ें- राहुल ने कहा “महंगी गैस, महंगा राशन, बंद करो खोखला भाषण“