आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते लागू लॉकडाउन फाइव के दौरान उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है। अनलॉक टू में सरकार ने सभी शिक्षा बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन क्लास चलाने के साथ ही नए सत्र प्रवेश के लिए प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षा के कार्य से जुड़े कर्मचारियों को सोमवार (छह जुलाई) से बुलाने की अनुमति दे दी है।
इस दौरान स्कूलों में स्टॉल लगाकर किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा फीस न देने वाले सामर्थ्यवान अभिभावकों से प्राथमिकता के आधार पर फीस वसूली जाएगी। वहीं लॉकडाउन के चलते आर्थिक कठिनाइयों से घिरे असमर्थ अभिभावकों के प्रार्थना पत्र देने पर उनसे किश्तों में स्कूल फीस लेंगे।
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माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने इस बारे में जारी आदेश में कहा है कि अनलॉक-2 में सत्र नियमित करने और छात्रों के व्यापक हित में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों आदि को छह जुलाई से बुलाये जाने की अनुमति दी गई है।
वहीं कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए विद्यालय भवन, फर्नीचर आदि को प्रतिदन पूरी तरह से सैनिटाइज करना होगा। विद्यालयों में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की जाए। तापमान सामान्य से अधिक होने पर विद्यालय में प्रवेश न दिया जाए तथा इसकी सूचना सीएमओ को दी जाए।
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इसके अलावा जल्द ही अभिभावक संघ की बैठक बुलाकर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जानकारी दी जाए। अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक कक्षा के लिए प्रतिदिन कक्षावार व विषयवार समय सारिणी बना कर अधिकतम 15 जुलाई तक ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी जाए।
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वहीं लॉकडाउन की अवधि में परिवहन शुल्क न लिये जाने और शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क वृद्धि न किये जाने संबंधी शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही अराधना शुक्ला ने यह भी कहा है कि फीस जमा नहीं करने के चलते किसी छात्र को ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित न किया जाए और न ही इस आधार पर किसी छात्र का नाम विद्यालय से काटा जाए।