आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहें कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन के चलते जहां लोग परेशान है। वहीं लखनऊ के कई प्राइवेट स्कूल छात्रों के अभिभावक के मोबाइल पर फोन कॉल व मैसेज कर हमेशा की तरह अप्रैल में ही अप्रैल के साथ ही मई और जून की भी फीस जमा करने का दबाव बना रहें।
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हालांकि वर्तमान हालात को देखते हुए राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में ऐसे पैरेंटस हैं जो फिलहाल तीन महीनों की फीस एक साथ देने में असमर्थ थे। जिसके चलते उनमें अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर टेंशन है। इस बात की शिकायतें मिलने पर रविवार को लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने आम जनता की तमाम दिक्कतों को दरकिनार करते हुए एडवांस फीस वसूली के प्रयास में लगे स्कूलों व अन्य शैक्षिक संस्थानों पर शिकंजा कसा है।
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जिलाधिकारी ने आज एक आदेश जारी करते हुए लखनऊ जनपद के सभी शैक्षणिक संस्थानों से कहा है कि कोरोना वायरस की आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को एडवांस फीस जमा करने के लिए बाध्य न किया जाए।
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ऑनलाइन पढ़ाई रखें जारी, नाम भी न काटें
डीएम ने आज जारी अपने आदेश में यह भी कहा कि इसके अलावा किसी भी छात्र या छात्रा को स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित न किया जाए और न ही एडवांस फीस जमा नहीं करने पर स्कूल से किसी का नाम काटा जाये। आदेश नहीं मानने वालों पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना वायरस की आपदा समाप्त होने पर इन तीनों महीनों की फीस को अगामी महीनों में समायोजित करके पैरेंटस को कार्ययोजना से अवगत करा देंगे।
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वहीं आज डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा है कि 22 मार्च से 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन के चलते कई छात्रों के अभिभावक एवं उनके परिजनों के कारोबार एवं रोजगार प्रभावित हुए हैं। सूचना मिल रही थी कि इसके बाद भी स्कूलों में अप्रैल में ही मई और जून की फीस भी पूर्व की तरह जमा करने को कहा जा रहा था। जबकि कई अभिभावक ऐसा करने में असमर्थ हैं, ऐसी स्थिति में उनमें डर और अशांति की स्थिति बनी हुई थी। जिसको देखते हुए आज एडवांस फीस जमा कराने से रोकने के लिए आदेश जारी किया गया है।