आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार की मांग को लेकर बुधवार को अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के आवास पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
अभ्यर्थी आज करीब नौ बजे पहले कानून मंत्री के घर पहुंचे। यहां जब पुलिस ने उन्हें हटाया तो अभ्यर्थियों ने ज्ञापन देकर कालीदास मार्ग स्थित उपमुख्यमंत्री के आवास का रुख किया। जहां प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने मीडिया को बताया कि सरकार ने दिसम्बर 2020 ,जनवरी 2021 और मार्च 2021 को तीन शासनादेश के द्वारा सुधार का मौका दिया।
अभ्यर्थियों की मांग है कि मूल अभिलेखों को देखकर उनको नियुक्ति दी जाए। जिस तरह से नम्बर भरने वालों से शपथपत्र लेकर नियुक्ति दी गई उसी प्रकार हम सबको भी नियुक्ति पत्र दिया जाए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस दौरान अभ्यर्थियों ने ‘हम मेरिट में हैं नियुक्ती दो या मृत्यु दो’ की तख्ती ली हुई थी।
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बता दें कि ये 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने आवेदन फार्म भरते समय त्रुटिवश पूर्णांक व प्राप्तांक लिखने में गलती कर दी है। दरअसल 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ति परिक्षा के बाद से ही भर्ती प्रकिया लगातार विवादों से घिरी हुई है। अभ्यर्थी अकसर अलग-अलग समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं।
वहीं दूसरी ओर 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाकर ओबीसी व एससी वर्ग के अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया, हालांकि, उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। कुछ अभ्यर्थियों ने कानून मंत्री के आवास पर भी घेराव किया।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के लिए आवंटित सीटें अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दे दी गईं। इसके चलते 5844 सीटों का नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 5,844 सीटों का आरक्षण घोटाला होने की बात स्वीकारी है। उन्होंने आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग की। साथ ही कहा कि आयोग में जिन अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी को समायोजित की जाए।