आरयू वेब टीम। एन बीरेन सिंह ने इंफाल में मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ले ली है। बीरेन सिंह ने जेपी नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं की उपस्थिति में दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नेमचा किपजेन, वाई. खेमचंद सिंह, बिस्वजीत सिंह, अवंगबौ न्यूमाई और गोविंदास कोंथौजम ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली।
सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा। मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए दिन-रात काम करूंगा। अगला कदम यह होगा कि राज्य से किसी भी तरह के मादक पदार्थ संबंधी मामले को खत्म किया जाए। तीसरा मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि राज्य में सक्रिय सभी विद्रोहियों को बातचीत की मेज पर लाया जाए और संवाद हों। ये तीनों मेरे प्राथमिक कर्तव्य होंगे।
रविवार को मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने भाजपा विधायक दल के नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। इससे पहले, केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने पार्टी की ओर से राज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों के साथ भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है।
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राजभवन के बयान में कहा गया है कि दो राजनीतिक दलों जनता दल (यूनाइटेड) के छह सदस्यों ने, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों ने तथा एक निर्दलीय ने भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया और उनके समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपे गए हैं। इससे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पास 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में 41 की संख्या होगी और दो तिहाई बहुमत होगा।
एन बीरेन सिंह ने फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपना सफर शुरू किया और फिर सीमा सुरक्षा बल में उन्हें नौकरी मिल गई। उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा और स्थानीय भाषा के अखबार ‘नहारोल्गी थोउदांग’ के संपादक बने। बाद में वह राजनीति के मैदान में कूद गए। वह पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने। सिंह ने पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह नीत सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला।