आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष कुर्सी संभालने के बाद से ही मातहतों को न सुधरने पर कार्रवाई की चेतावनी दे रहे है। वहीं दूसरी ओर अवैध निर्माण और घरों में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर जनता का जीना दुश्वार करने वाले इंजीनियर अपनी आदतें बदलने का नाम नहीं ले रहे है।
पिछली सरकार में कार्रवाई के बिना बेलगाम हो चुके इंजीनियरों ने गोमतीनगर के पत्रकारपुरम, विवेक खण्ड आसपास के इलाकों के घरों में दुकान शोरूम खुलवाने के बाद अब विराम खण्ड, विकास खण्ड, विशाल खण्ड और विजय खण्ड में भी घरों में व्यवासायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगे हैं।
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हाल ही में कही घरों में शो रूम और कैफे खुलवाए गए है तो कही पूरा कांप्लेक्स ही तैयार कराया जा रहा है। तस्वीरों में देखिए बेहद सख्त माने जा रहे एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह के ही कार्यकाल में किस तरह से इंजीनियरों की कारस्तानी जारी है-
ये तो महज राजधानी की एक कॉलोनी के चंद हिस्सों का छोटा सा उदाहरण है, लेकिन एलडीए के ही जानकार बताते है कि कभी-कभार दो चार अवैध निर्माण और घरों में व्यवासायिक गतिविधियों के मामले में सीलिंग की कार्रवाई कर मीडिया और अपने अफसरों के सामने पीठ थपथपाने वाले इंजीनियर करीब-करीब पूरे शहर में अवैध निर्माण और मकान में व्यवासायिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे है।
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आखिर दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई कब
लगातार शिकायत मिलने के बाद एलडीए के अफसर अवैध निर्माण के लिए दोषी इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करते यह एक बड़ा सवाल है। हालांकि हाईकोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद कुछ समय पहले एलडीए ने करीब दो दर्जन इंजीनियरों की लिस्ट कार्रवई के लिए शासन को भेजी भी थी, लेकिन उस लिस्ट से भी उन इंजीनियरों का नाम लगभग गायब था जो पिछले करीब एक दशक से जनता का उनके ही घरों में सुकून छिनने के लिए जिम्मेदार हैं।
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26 इंजीनियर के खिलाफ शासन को चार्जशीट भेजी जा चुकी है। बाकी जेई एई के ट्रांसफर हो रहे हैं। दोषी मिलने पर दूसरे इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एलडीए वीसी, प्रभु एन सिंह