आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अचानक जनता को तगड़ा झटका दिया है। बुधवार को आरबीआइ ने नीतिगत ब्याज दरों (रेपो रेट) में इजाफा कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में करीब 0.40 फीसदी बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही, रेपो रेट बढ़कर करीब 4.40 फीसदी पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद होम लोन महंगे हो जाएंगे साथ ही जनता पर ईएमआइ का भी बोझ बढ़ जाएगा।
रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से महंगाई बढ़ रही। इसलिए आरबीआइ ने महंगाई को काबू में करने के लिए अनियत नीतिगत समीक्षा में रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी के फैसले का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जिंसों और वित्तीय बाजारों में कमी और अस्थिरता के हालात और गंभीर होते जा रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने उदार रूख को वापस लेने के इरादे की घोषणा की थी।
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साथ ही आज आरबीआइ गवर्नर ने कहा है कि आरबीआइ ने महंगाई काबू करने के लिए अनियत नीतिगत समीक्षा में मानक ब्याज दर में 40 आधार अंकों की वृद्धि कर 4.40 फीसदी करने का निर्णय लिया। मौद्रिक नीति समिति की बिना तय कार्यक्रम के आयोजित बैठक के बाद कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से महंगाई बढ़ रही है।
21 मई से लागू होगा
गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया है। उन्होंने कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के पीछे का मकसद मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि संभावना को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक रुख अब भी नरम बने हुए हैं. उन्होंने क। रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात को 0.5 फीसदी बढ़ाकर 4.50 फीसदी किया, जो 21 मई से लागू होगा।