आरयू वेब टीम। महीने के आखिरी रविवार यानी कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देश के लोगों को संबोधित किया। संबोधन में पीएम ने कहा कि अगस्त के इस महीने ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। लोगों के पत्र में केवल तिरंगा नजर आ रहा है, जो मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग इनोवेटिव आइडिया भी निकाले। हिमाचल प्रदेश की गंगोट पंचायत से एक बड़ा प्रेरणादायी उदाहरण भी देखने को मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतमहोत्सव के ये रंग दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले। बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय सिंगर ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाये। उन्होंने कहा कि साथियो,अभी कुछ दिन पहले, मुझे, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के कार्यक्रम में जाने का अवसर मिला। वहां उन्होंने ‘स्वराज’ दूरदर्शन के सिरियल का स्क्रीनिंग रखा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के इस महीने में देश के कोने-कोने में ‘अमृत महोत्सव’ की ‘अमृत धारा’ बह रही है। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के बोंगाई गांव में एक दिलचस्प परियोजना चलायी जा रही है, प्रोजेक्ट सम्पूर्णा, इस प्रोजेक्ट का मकसद है कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और इस लड़ाई का तरीका भी बहुत यूनिक है। आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है ?
वहीं मध्य प्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान”! इस “मेरा बच्चा अभियान” में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि कुपोषण से जुड़े इतने सारे अभिनव प्रयोगों के बारे में मैं आपको इसीलिए बता रहा हूं, क्योंकि हम सब को भी, आने वाले महीने में, इस अभियान से जुड़ना है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया भर में मोटे अनाज का यानी बाजरा का क्रेज बढ़ता जा रहा है। ये आपके हेल्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू, ये सब बाजरा ही तो हैं। भारत, विश्व में, बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। बाजरा किसानों के लिए भी फायदेमंद हैं खास करके छोटे किसानों के लिए।
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दरअसल,बहुत ही कम समय में इसकी फसल तैयार हो जाती है, और इसमें, ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है। पीएम मोदी ने कहा कि बाजरा से एक नहीं, अनेक लाभ हैं। ओबीसटी को कम करने के साथ ही डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हार्ट रिलेटेड डिसिज के खतरे को भी कम करते हैं। इसके साथ ही ये पेट और लीवर की बीमारियों से बचाव में भी मददगार हैं।