आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हजरतगंज के मदन मोहन मालवीय मार्ग पर स्थित चार बेकसूरों की जान लेने वाला होटल लिवाना सूइट्स करप्शन की बुनियाद पर ही खड़ा हुआ था। यह बात सीएम योगी के निर्देश पर कुछ ही घंटों में जांच पूरी करने वाली डॉ. रोशन जैकब की रिपोर्ट में भी साबित हो गयी है।
आवासीय भूमि पर बिना नक्शा पास कराए होटल न सिर्फ बनकर तैयार हुआ था, बल्कि 64 सौ वर्ग फिट में पांच मंजिला अवैध होटल पांच सालों तक आराम से संचालित भी होता रहा और एलडीए के जोनल अफसर व इंजीनियर होटल पर कुछ दिनों में ही पूरी हो जाने वाली सीलिंग व ध्वस्तीकरण जैसी कार्रवाई करने की जगह किसी न किसी बहाने होटल को नोटिस दे खानापूर्ति कर टाइमपास करते रहें। पांच सालों में करीब तीन दर्जन छोटे-बड़े इंजीनियर, अधिकारी व कर्मचाारी क्षेत्र में तैनात रहें, लेकिन कोई भी लैंडयूज के खिलाफ बनें होटल का बाल भी बांका न कर सका।
वहीं अब कमिश्नर ने एलडीए वीसी को निर्देश दिया है कि इस दौरान क्षेत्र में तैनात रहें सभी अधिकारी व कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए उन पर कार्रवाई करें। साथ ही होटल को सील करते हुए नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराने के भी उपाध्यक्ष को निर्देश दिए। इसके अलावा शहर में इस तरह से चल रहें अन्य होटलों पर भी कार्रवाई के लिए एलडीए अध्यक्ष ने निर्देश जारी किए हैं।
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कमिश्नर की जांच में यह भी सामने आया है कि मानकों के विरुद्ध बनाए गए होटल को अग्निशमन विभाग से साल 2021 से 2024 तक के लिए एनओसी दी गयी थी। लोहे की ग्रिल व शीशे की शीट से घेरकर बनाए गए होटल को इस तरह एनओसी फायर विभाग की ओर से ऐसे समय जारी की गयी थी, जब होटल में आग लगने की घटना से निपटने का न तो कोई इंतजाम थे, और न ही धुंआ निकलने की कोई व्यवस्था थी। यही वजह रही कि आज आग लगने के कुछ देर बाद ही चारों ओर से बंद होटल गैस चेंबर में बदल गया और चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गयी और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। पुलिस का मानना है कि धुंंआ व लोगों के निकलने की समुचित व्यवस्था होती तो हादसा इतना भयावह नहीं होता।
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दूसरी ओर कमिश्नर के निर्देश पर एलडीए ने होटल को सील करने आदेश जारी करने के साथ ही मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधि मुकेश जसनानी व उनके साझेदारों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने की रात तक तैयारी कर रहा था। साथ ही करीब दो दर्जन इंजीनियरों को अवैध होटल को बचाने व बनवाने का दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई के लिए एलडीए ने शासन को पत्र भेजा है। हालांकि इनमें से करीब दर्जनभर एक्सईएन, एई व जेई अवकाश प्राप्त हो चुके हैं और कई चारबाग होटल अग्निकांड में भी दोषी पाए गए थे, लेकिन पिछले अग्निकांड में ही अब तक इन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी है, तो आगे क्या होगा यह देखने वाली बात होगी।
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एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच के लिए आज सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह व मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल की समिति गठित की गयी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में दो जुलाई 2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को बिल्डर के साथ दुरभिसंधि करते हुए अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही न करने का जिम्मेदार पाया गया है।
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वीसी ने बताया कि दोषी पाए गए तत्कालीन अधिशासी अभियंता अरुण कुमार सिंह, ओपी मिश्रा, अधीक्षण अभियंता जहीरूद्दीन, नगर पालिका सेवा के एसी कमलजीत सिंह, सहायक अभियंता ओपी गुप्ता, राकेश मोहन, राधेश्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेन्द्र सिंह, इस्माइल खान, अवर अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव, जेएन दुबे, जीडी सिंह, रवीन्द्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, अनिल मिश्रा, पीके गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अम्बरीश शर्मा व रंगनाथ सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किये जाने की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी गयी है।
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चारबाग अग्निकांड से सबक लिया न कार्रवाई की
बताते चलें कि लिवाना अग्निकांड भले ही एलडीए से लेकर शासन तक के अफसर सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहें हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि एलडीए ने करीब 50 महीना हुए चारबाग होटल अग्निकांड से न कोई सबक लिया और न ही उसके दोषियों पर कार्रवाई की। यही वजह है कि अवैध निर्माण की ठेकेदारी शहरभर में चलती रही और लिवाना जैसे सैकड़ों नए अवैध होटल बनकर तैयार भी होते चले गए। जानलेवा लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने पर बीते 23 अगस्त को “राजधानी अपडेट” ने एलडीए से लेकर शासन तक के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए न्यूज पोस्ट की थी। जिसके बाद शासन ने सात लोगों की जान लेने वाले चारबाग अग्निकांड के 16 दोषी इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की, लेकिन इसी कांड में दोषी मिले एलडीए के छह कर्मियों पर अधिकारी अपनी कृपा आज तक बनाए हैं।
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होटल मालिकों व मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
आज रात हजरतगंज कोतवाली में होटल मालिकों व मैनेजर के खिलाफ आइपीसी की धारा 304 व 308 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसआइ हजरतगंज की तहरीर पर होटल मालिक पवन अग्रवाल उसके बेटे रोहित अग्रवाल, के अलावा राहुल अग्रवाल और होटल मैनेजर सागर श्रीवास्तव पर एफआइआर हुई है। पुलिस चारों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।