आरयू वेब टीम। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रचार प्रभारी विजय नायर और हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दोनों अब सीबीआइ के बाद ईडी के शिकंजे में आ गए हैं। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले की जांच के सिलसिले में ईडी ने सोमवार को उन्हें गिरफ्तार किया है। दोनों इस समय सीबीआइ हिरासत में हैं।
सीबीआइ ने उन्हें 27 सितंबर को गिरफ्तार किया था और पूछताछ के बाद हिरासत में भेज दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपित हैं। सीबीआइ और ईडी दोनों एजेंसियां इस मामले में सिसोदिया के आवास और दफ्तरों पर छापेमारी कर चुकी हैं। सीबीआइ ने बोइनपल्ली को दिल्ली की जीएनसीटीडी की आबकारी नीति बनाने और लागू करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
हैदराबाद के एक प्रमुख व्यवसायी, बोइनपल्ली का नाम जांच के दौरान सामने आया था। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया और गुमराह करने की कोशिश की। एफआइआर में उनका नाम नहीं था। वहीं, दिल्ली के जोर बाग स्थित व्यवसायी विजय नायर सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने नौ नवंबर को इस मामले में गिरफ्तार विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में दोनों पक्षों ने जमानत के लिए दलीलें दी थीं। सीबीआइ ने अपने जवाब में जमानत याचिकाओं का विरोध किया था और कहा कि जब जांच अभी अहम चरण में है, तो जमानत देना सही नहीं होगा। सीबीआइ ने कहा था कि अगर अभी जमानत दी गई, तो आरोपित सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए आज की तारीख तय की थी।
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गौरतलब है कि दिल्ली के एलजी ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश की थी। बाद में इस मामले में ईडी भी शामिल हो गई। ईडी ने कुछ दिन पहले ही इस कथित घोटाले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। उसके बाद से ईडी मामले से जुड़े लोगों के यहां लगातार दबिश देकर सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।