आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के सामने मंगलवार को पुजारियों ने वेतन की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जब मौलवियों को वेतन दिया जा सकता है, तो उन्हें क्यों नहीं? इसमें दिल्ली भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ के लोग भी शामिल थे। पुजारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार जब तक उन्हें वेतन नहीं देगी और सनातन धर्म की रक्षा के लिए काम नहीं करेगी, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा, “इस सरकार को हम बताना चाहते हैं कि ये तो तमाम पंडित पुजारियों की हुंकार है। हम 2024 में इन्हें दिखा देंगे कि सनातन धर्म की क्या ताकत है। जितने भी लोग जुड़े हुए हैं सभी सनातनी है। ये सनातन धर्म की ललकार है। होश में आ जाओ और समान रूप से पुजारियों का वेतन भी तय करो।” ये पहली बार नहीं है, जब पुजारियों को उनका हक दिलाने के लिए प्रदर्शन किया गया हो।
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उल्लेखनीय है कि साल 2021 में दिल्ली के विभिन्न मंदिरों में पुजारियों को वेतन देने की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया था। बीजेपी ने मांग की थी कि दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों को उचित वेतनमान दिया जाए। केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा था कि जब मस्जिद की देखभाल करने वाले काजियों और इमामों को वेतन दिया जा सकता है तो मंदिर के पुजारियों को भी वेतन मिलना चाहिए। मंदिरों की सेवा करने वाले पुजारियों और साधु संतों को किसी तरह का वेतन नहीं दिया जाना, दिल्ली सरकार के भेदभाव को दर्शाता है ।