आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा में बुधवार को योगी सरकार द्वारा बजट पेश किया गया। जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। साथ ही बजट पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही। इसी क्रम में बसपा प्रमुख मायावती ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।
बसपा मुखिया ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक के बाद एक चार ट्वीट कर योगी सरकार के इस बजट पर सवाल उठाए हैं। मायावती ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा। क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।
अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहां महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?
तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी। बजट ऊंट के मुंह में जीरा।
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वहीं आखिरी ट्वीट में यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रति व्यक्ति आय में अपेक्षित वृद्धि, रोजगार व सरकारी भर्ती आदि तो दूर, उन पर कर्ज का बढ़ता बोझ सरकार की गलत नीतियों व प्राथमिकताओं का प्रमाण। कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चे पर विफल हो रही है।