आरयू वेब टीम। मार्केट से दो हजार रुपये के नोट लगभग गायब हो जाने के बाद इसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इस नोट को लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद खुलासा किया है। वित्त मंत्री ने सोमवार को संसद को बताया कि ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी एटीएम में 2,000 रुपये के नोट भरने या न भरने को लेकर बैंकों को कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है। साथ ही बताया कि लेंडर्स ये खुद तय करते हैं कि उन्हें कैश वेंडिंग मशीनों कितने रुपये के नोट लोड करने हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2017 के अंत तक और 2022 मार्च के अंत तक 500 रुपये और 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के बैंक नोटों का कुल मूल्य 9.512 लाख करोड़ रुपये और 27.057 लाख करोड़ रुपये था। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि एटीएम में 2,000 रुपये के नोट ना भरने के लिए बैंकों को कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है। बैंक पिछले उपयोग, कंज्यूमर की जरुरत, सीजनल ट्रेंड आदि के आधार पर एटीएम में अमाउंट और कौन से नोटों की ज्यादा आवश्यकता है का असेसमेंट करते हैं।
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एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वित्त मंत्री ने कहा, 31 मार्च, 2023 तक केंद्र सरकार के लोन/लायबिलिटीज का कुल अमाउंट लगभग 155.8 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 57.3 प्रतिशत) अनुमानित है। इसमें से, अनुमानित बाहरी लोन मौजूदा एक्सचेंज रेट पर 7.03 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 2.6 प्रतिशत) है। वित्तमंत्री ने कहा कि बाहरी ऋण का हिस्सा केंद्र सरकार के कुल लोन/लायबिलिटीज का लगभग 4.5 प्रतिशत और जीडीपी का तीन फीसदी से कम है।
उन्होंने कहा कि आरबीआइ ने सरकार के परामर्श से हाल ही में एक्सचेंज रेट की अस्थिरता और ग्लोबल स्पिलओवर को कम करने के लिए फोरेक्स फंडिंग के सोर्स में विविधता लाने और विस्तार करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है