आरयू वेब टीम। दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ लगातार अपना सिकंजा कसने में लगी है, जिसे लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहा है। इस कड़ी में आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को मानहानि का नोटिस भिजवाया है। जिसमें अधिकारियों से माफी मांगने को कहा है।
ये नोटिस ईडी के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा और कथित आबकारी घोटाले मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी जोगेन्दर को भेजा गया है। लीगल नोटिस में अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। नोटिस में संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली आबकारी मामले में चार्जशीट में मेरा नाम झूठा डाला गया, जबकि किसी गवाह ने मेरा नाम ही नहीं लिया।
आप सांसद ने आगे कहा कि मुझे बदनाम करने लिए एक षड्यंत्र के तहत ईडी ने मेरा नाम अपनी कंप्लेंट में डाला है। संजय सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ कई गवाह और सुबूत तक नहीं हैं फिर भी मेरा नाम आबकारी मामले में डाल दिया। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का दावा है कि ईडी ने चार्जशीट में मेरा नाम झूठा डाला है। किसी गवाह ने मेरा नाम नहीं लिया है। इसके बावजूद केस में मेरा नाम होना, इस बात के संकेत हैं कि प्रवर्तन निदेशालय ने मुझे बदनाम करने लिए एक षड्यंत्र के तहत मेरा नाम अपनी कंप्लेंट में डाला है, जबकि मेरे खिलाफ ना तो कोई गवाह है ना ही सबूत।
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इससे पहले आप नेता संजय सिंह ने गुरुवार को कहा था कि दिल्ली शराब घोटाला मामले के आरोप पत्र में ‘फर्जी’ तरीके से नाम शामिल करने को लेकर मैं ईडी के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।
संजय सिंह के मामले में उन्होंने कहा कि ईडी ने जिस व्यक्ति के बयान के आधार पर संजय सिंह का नाम अपने चार्जशीट में लिया है, उसने अपने बयान में वैसा कुछ नहीं कहा, जैसा कि चार्जशीट में ईडी ने उल्लेख किया है। ईडी ने चार्जशीट में कुछ और ही उल्लेख किया है। इतना ही नहीं, ईडी ने चार्जशीट में कहा कि मनीष सिसोदिया ने फोन तोड़ दिए, जबकि उनके फोन ईडी के कस्टडी में हैं। हकीकत यह है कि ईडी गलत सबूत पेश कर अदालत को गुमराह करने पर उतारू है।