आरयू वेब टीम। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पासपोर्ट मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी है। इस केस की सुनवाई कर राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को नए पासपोर्ट के लिए तीन साल की एनओसी दी है। एनओसी मिलने के चलते राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा पर बना सस्पेंस भी खत्म हो गया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने शुक्रवार को ही दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि भारतीय कानून के अनुसार अगर किसी के दूसरे देश की नागरिकता है तो उसकी भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। वहीं राहुल गांधी के वकील ने कहा राहुल गांधी की जमानत पर विदेश यात्रा को लेकर कोई शर्त नहीं लगाई गई थी, राहुल गांधी हमेशा कोर्ट के सामने पेश हुए, जांच में शामिल हुए।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हो तो उसको पासपोर्ट अधिकतम दस साल के लिए मिल सकता है, लेकिन यह स्पेशल केस है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि दस साल के लिए पासपोर्ट जारी करने का कोई वैध या प्रभावी कारण राहुल गांधी के पास नहीं है।
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दरअसल संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी ने अपना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने आम पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लाई किया, लेकिन नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपित होने के चलते राहुल गांधी को नया पासपोर्ट बनवाने के लिए एनओसी की मांग की थी।
बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एनओसी का विरोधी करते हुए कहा था कि अगर राहुल गांधी को नए पासपोर्ट मामले में एनओसी दिया जाता है तो नेशनल हेराल्ड केस की जांच प्रभावित हो सकता है।