आरयू ब्यूरो, लखनऊ। ये एक ऐतिहासिक क्षण है। भारत युग परिवर्तन का साक्षी बन रहा। भारत के पराक्रम, सामर्थ्य और योगदान को दुनिया मानती है। हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां हम विकास, ऐसी उपलब्धियां देख रहे हैं, जिनके बारे में हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हमारी जमीनी हकीकत आज विश्व स्तर पर सबसे सकारात्मक तरीके से परिलक्षित हो रही और आज का अवसर वास्तव में ऐतिहासिक और एक मील का पत्थर है।
उक्त बातें संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मीडिया से बातचीत में कही। समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघावाल, वी. मुरलीधरन के साथ दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें- आखिरकार PM नरेंद्र मोदी ने किया नए संसद भवन का उद्घाटन, लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित हुआ सेंगोल
गौरतलब है कि 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक होनी है। मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया था कि इस महीने की 18 तारीख से संसद सत्र से पहले, 17 तारीख को शाम 4.30 बजे सर्वदलीय फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई गई है। इसके लिए निमंत्रण संबंधित नेताओं को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है।
सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र के एजेंडे पर कई दिनों की अटकलों के बाद एक संसदीय बुलेटिन में कहा गया कि दोनों सदन पहले दिन संसद की 75 साल की यात्रा पर चर्चा करेंगे। संसद सत्र के लिए कामकाज की अस्थायी सूची में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विचार और पारित होने के लिए विधेयक शामिल है। लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध कार्यों में ‘द एडवोकेट्स (संशोधन) बिल, 2023’ और ‘द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2023’ शामिल हैं, जो पहले ही राज्यसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, ‘द पोस्ट ऑफिस बिल, 2023’ को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है।