आरयू संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ चिड़ियाघर में सोमवार को एक दरियाई घोड़ा ने एक युवक की जान ले ली। हिप्पो ने युवक पर उस समय हमला किया जब वह उसके बाड़े में सफाई कर रहा था। इस दौरान एक अन्य कर्मी भी हमले में घायल हो गया। हमला करने वाली मादा हिप्पो इंदिरा को इसी महीने कानपुर जू से लखनऊ भेजा गया था। अंदेशा है कि जू प्रशासन ने हिप्पो की वर्तमान में मानसिक स्थिति समझने में लापरवाही जताई जिसके चलते एक सफाईकर्मी को अपनी जान गंवानी पड़ी। हालांकि जू के अधिकारी इसे एक अनहोनी मानकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं। वहीं युवक की मौत से उसकी पत्नी व बच्चों में कोहराम मचा था।
मिली जानकारी के अनुसार बीती चार दिसंबर को कानपुर जू से मादा दरियाई घोड़ा इंद्रा को लखनऊ लाया गया था। अभी उसको 14 दिनों के आइशेलेशन में रखा गया था। जू की साप्ताहिक बंदी होने के चलते आज पूर्वान्ह करीब 11 बजे सफाईकर्मी सूरज व कीपर राजू इंद्रा के बाड़े में गए थे। सूरज सफाई कर रहा था तभी किसी बात से हिंसक हुई इंद्रा ने दोनों पर हमला कर दिया। जिसमें राजू को थोड़ी चोटें आयीं, जबकि सूरज गंभीर रूप से घायल हो गया।
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हिप्पो के हमले की जानकारी लगते ही जू में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कर्मचारियों ने सूरज को बाड़े से किसी तरह से निकालकर पास में ही स्थित सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान कुछ ही देर में उसकी मौत हो गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची हजरतगंज पुलिस ने सूरज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
घर का इकलौता कमाने वाला था सूरज
ठाकुरगंज क्षेत्र निवासी सूरज साल 2013 से जू में सफाईकर्मी के तौर पर काम कर रहा था। सूरज की मौत से पत्नी लता व 14 वर्षीय बेटी व दस वर्षीय बेटे का रो-रोकर बुरा हाल था। सूरज घर का अकेले कमाने वाला था। सहकर्मियों का कहना था कि सूरज की नौकरी भी संविदा पर थी और बेरोजगारी के इस दौर में उसे मात्र साढ़े पांच हजार रुपए महीने में मिलते थे। सूरज की मौत के बाद के बाद उसकी पत्नी बच्चों का गुजारा कैसे चलेगा इसको लेकर भी जू कर्मी भी परेशान दिखे।
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जू निदेशक अदिति शर्मा ने बताया सूरज जू में साल 2013 से काम कर रहे थे। वह डियर लाइन सेक्शन में विभिन्न वन्य जीवों के बाड़ों की सफाई का काम कुशलतापूर्वक करते थे। आज की घटना एक अनहोनी जैसी थी। जू प्रशासन उनके परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहेगा।