आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) में तैनात एएसपी राहुल श्रीवास्तव को पूर्व डीजीपी की संस्तुति पर रेप के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। दूसरी ओर, मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में युवती ने राहुल श्रीवास्तव पर आरोप लगाया है। युवती के बयान के बाद अब कभी भी राहुल श्रीवास्तव को अरेस्ट किया जा सकता है।
दरअसल पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में एफआइआर को आधार बनाते हुए आरोप दोहराया। पीड़िता ने कहा कि लखनऊ के चार बड़े होटलों में उसके साथ ब्लैकमेलिंग करके रेप की घटना को अंजाम दिया गया। वाराणसी और दिल्ली में भी एक-एक होटल में उसके साथ घटना को अंजाम दिया गया। पीड़िता ने इसके सबूत भी पेश किए। पुलिस सबूतों की जांच कर रही है।
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि राहुल श्रीवास्तव अपनी पहुंच और पद के चलते जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इस आरोप के बाद गुपचुप तरीके से राहुल श्रीवास्तव को सस्पेंड कर लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय आने से भी मना कर दिया गया है। वहीं, राहुल श्रीवास्तव ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक विवेचना के दौरान पीड़िता ने बताया कि राहुल श्रीवास्तव ने लखनऊ की विनय खंड स्थित प्राइवेट क्लीनिक में उसका अबाॅर्शन कराया। वहां एक डायग्नोस्टिक सेंटर भी है। आरोप है कि दो पुलिसवालों और कुछ अन्य लोगों ने युवती की मजबूरी का अनुचित लाभ उठाया है।
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पीड़िता ने एएसपी और उत्तर प्रदेश पुलिस के मीडिया प्रभारी राहुल श्रीवास्तव के खिलाफ पांच जनवरी को रेप, अबाॅर्शन और धमकाने का केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने बताया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के नाम पर नोट्स देने के लिए राहुल श्रीवास्तव ने उसे होटल में बुलाया और नशीला पदार्थ देकर उसके साथ रेप कर अश्लील वीडियो बनाया। फिर पीड़िता का समय-समय पर शारीरिक शोषण करता रहा। इसमें उसकी पत्नी और अन्य साथियों ने भी सहयोग किया।