आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले पर अनेक राजनीतिक दल असहमति दिखा रहे हैं। वहीं अब इसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा कोई भरोसा नहीं है। भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है।
अखिलेश ने रविवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए, न कि उस समाज का विभाजन या विघटन, इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है। अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से पाटी नहीं जा सकती। ‘आरक्षण’ शोषित, वंचित समाज को सशक्त और सबल करने का सांविधानिक मार्ग है, इसी से बदलाव आएगा, इसके प्रावधानों को बदलने की आवश्यकता नहीं है।
यह भी पढ़ें- SC-ST में बनेगी सब कैटेगरी, सुप्रीम कोर्ट ने दी आरक्षण के अंदर आरक्षण को मंजूरी
साथ ही यूपी के पूर्व सीएम ने आज यह भी कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है। भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है। इसीलिए भाजपा पर से 90 प्रतिशत पीडीए समाज का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है।
आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है। पीडीए के लिए ‘संविधान’ संजीवनी है, तो ‘आरक्षण’ प्रायवायु! दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बनाकर अति पिछड़े तबकों को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं।