आरयू वेब टीम। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को नई दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय ले जाया गया था, जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। इस दौरान सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत सभी बड़े नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।इसके बाद सुबह 9:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, रूस, पाकिस्तान और श्रीलंका समेत दुनियाभर के नेताओं ने शोक जताया। सभी देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को याद किया। अफगानिस्तान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के नेताओं ने भी उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले शुक्रवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनका एक स्मारक बन सके। इसके बाद रात में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। इसके लिए ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है।
यह भी पढ़ें- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर UP में सात दिन का राजकीय शोक घोषित
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की स्मारक लेकर जारी घमासान के बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान आ गया है। अशोक गहलोत ने कहा, ‘राजस्थान के भैरों सिंह शेखावत, जो उपराष्ट्रपति थे, वे भाजपा से थे। भाजपा मांग नहीं कर रही थी, फिर भी हमने अंतिम संस्कार किया और मूर्ति बनाई। उस स्मारक में आज भी लोग जाते हैं और उस निर्णय की सराहना करते हैं।
मनमोहन सिंह की दुनिया में एक आभा थी। बराक ओबामा कहते थे कि जब मनमोहन सिंह बोलते थे तो दुनिया सुनती थी। ऐसे व्यक्ति का स्मारक बनाने के लिए अगर वर्तमान सरकार स्वयं आगे आती तो विवाद नहीं होता। भाजपा ने विवाद खड़ा किया और कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं।