आरयू वेब टीम। भारत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में आज एक तकनीकी छलांग लगाई है। डीआरडीओ ने Mk-II(A) लेजर-निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज में किया है। इस सफलता के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास उच्च क्षमता वाली लेजर-डीईडब्लू प्रणाली मौजूद है।
स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित की गई Mk-II(A) प्रणाली ने परीक्षण के दौरान अपनी संपूर्ण क्षमता का प्रदर्शन किया। इसने लंबी दूरी पर स्थित फिक्स्ड विंग ड्रोन को नष्ट किया, एक साथ कई ड्रोन हमलों को विफल किया और दुश्मन के निगरानी उपकरणों व एंटेना को भी पूरी सटीकता से तबाह किया। लक्ष्य पर कुछ ही सेकंड में त्वरित, सटीक और घातक प्रहार की क्षमता ने इसे अब तक का सबसे प्रभावी काउंटर ड्रोन सिस्टम बना दिया है।
यह भी पढ़ें- DRDO ने लंबी दूरी मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का किया परीक्षण, जानें इसकी विशेषता
डीआरडीओ के सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम एंड साइंसेज, हैदराबाद ने इस प्रणाली को एलआरडीई, आइआरडीई, डीएलआरएल, विभिन्न शिक्षण संस्थानों और भारतीय उद्योगों के सहयोग से विकसित किया है। इसका रडार या इनबिल्ट इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (ईओ) सिस्टम लक्ष्य की पहचान करता है और फिर लेजर बीम के माध्यम से पलक झपकते ही उस पर हमला करता है। यदि यह बीम सीधे वारहेड पर केंद्रित हो, तो यह और भी विनाशकारी प्रभाव छोड़ती है।