DRDO ने किया पिनाका के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण, 44 सेकेंड में 12 रॉकेट होगी फायर

पिनाका

आरयू वेब टीम। भारत ने शनिवार को रॉकेट सिस्टम प्रणाली में नई उपलब्धि हासिल की। भारतीय सेना और भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने पिछले 15 दिनों में देश के कई स्थानों से पिनाका मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। धनुष पिनाक के नाम पर भारत के देसी पिनाका का नाम रखा गया। एक ऐसा मिसाइल सिस्टम जो पलक झपकते दुश्मन को खाक कर देगा। 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागेगा, जिसके बाद सिर्फ धुंआ ही धुंआ नजर आएगा।

पिनाका एमके-1 (एन्हांस्ड) रॉकेट सिस्टम (ईपीआरएस) और पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन (एडीएम) रॉकेट सिस्टम का पोखरण फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

सभी परीक्षण उद्देश्यों को संतोषजनक ढंग से पूरा करने वाले रॉकेटों द्वारा आवश्यक सटीकता और स्थिरता हासिल की गई थी। पिछले पखवाड़े के दौरान विभिन्न रेंजों के लिए कुल 24 ईपीआरएस रॉकेट दागे गए। इसके साथ ही इस मिसाइल के सारे सिस्टम्स ने तय मानकों को सफलतापूर्वक पार किया और उच्चतम सटीकता से टारगेट को ध्वस्त कर दिया।

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भारत में स्वदेशी तौर पर विकसित की गई पिनाका रॉकेट सिस्टम के तीन वैरिएंट हैं। एमके-1, एमके-2, एमके-3 और तीनों के अलग-अलग वैरिएंट हैं। इसकी अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर तक है। पलक झपकते ही ये अपने साथ पूरे 72 रॉकेट दाग देता है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। पहले वेरिएंट एमके-1 का रेंज 45 किलोमीटर तक है। दूसरे वैरिएंट एमके-2 की रेंज 90 किलोमीटर तक है। तीसरे और सबसे एडवान्सड  वेरिएंट एमके-3 का रेंज 120 किलोमीटर तक है।

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