आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सरकार 20 हजार से ज्यादा राजनीतिक मुकदमे वापस लेने की तैयारी कर रही है। ये मुकदमे केवल धरना-प्रदर्शन करने के आधार पर विभिन्न धाराओं में दर्ज किये गए हैं। सीएम ने यह बात सदन में यूपीकोका विधेयक पर चर्चा करते हुए कही। वहीं विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए विधान सभा में गुरुवार को यूपीकोका विधेयक पास हो गया।
अब सीएम का तंज सावन आग लगाएं तो उसे कौन भुझाए
योगी ने सामने बैठे विरोधी दलों के सदस्यों से पूछा कि आप लोग तो कानून-व्यवस्था का बड़ा सवाल उठाते हो, तो अब यूपीकोका का विरोध क्यों? इस यूपीकोका का हम कतई दुरुपयोग नहीं होने देंगे। सीएम ने तंज कसते हुये कहा, जब सावन ही आग लगाय, उसे कौन बुझाए। योगी ने कहा कि यूपीकोका से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अपराधी, राजनेता और अफसर का गठबंधन रहा है प्रदेश में और अब इसे तोड़ने की जरूरत है।
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने सीएम योगी के बोलने के बाद सदन में कहा कि उन्होंने लंबा-उबाऊ संबोधन दिया। यूपीकोका काला कानून है। यह अघोषित इमरजेंसी है। पहले भी ऐसा विधेयक आया था। श्री चौधरी ने कहा कि सीएम की हिम्मत नहीं थी काला कानून पर विपक्ष को सुनने की। उनको डर था, इसलिए चले गए।
वहीं जब योगी सदन से जाने लगे तो सपा के आजम खान ने कहा नेता सदन के रहने से सदन संयमित रहता है। नेता विपक्ष बोल रहे हैं तो नेता सदन को नहीं जाना चाहिए। यह विपक्ष का अपमान है।
यह भी पढ़ें- अब यूपीकोका के विरोध में आएं अखिलेश, कहा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है योगी सरकार