आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रॉजेक्ट में शुमार और योगी सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चर्चित रहे जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआइसी) में मंगलवार की देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे फॉयर ब्रिगेड के जवानों ने करीब दो घंटे की मश्क्कत से आग पर काबू पाया। आग से करोड़ों रुपए के सीसीटीवी सिस्टम, फॉयर डिटेक्टर, एलईडी स्क्रीन जैसे सामान जलने की बात कही जा रही है। वहीं एलडीए का कहना है कि आग से जो भी क्षति हुई है, उसके लिए सीधे तौर पर काम देख रही कंपनी जिम्मेदार है। एलडीए का आग से कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि सिग्नेचर बिल्डिंग जेपीएनआइसी में सीसीटीवी, फॉयर फाइटिंग सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और एलईडी स्क्रिन समेत दूसरे काम कराने वाली कंपनी मूमेंटम टेक्सेस प्राइवेट लिमिटेड ने जेपीएनआइसी के पिछले गेट के पास करीब तीन साल पहले अपना स्टॉक रूम बनाया था।
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स्टॉक रूम से मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे धुंआ और आग की लपटें निकलती देख सिक्योरिटी सुपरवाइजर उमाकांत जाटव ने पुलिस कंट्रोल रूम और फॉयर ब्रिगेड के अलावा प्राइवेट कंपनी के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
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सूचना पाकर मौके पर पहुंची गोमतीनगर फॉयर स्टेशन की दो गाडि़यों ने करीब दो घंटे के प्रयास से आग पर काबू पा लिया। हालांकि तब तक स्टोर रूम में रखे सीसीटीवी कैमरें, एलईडी स्क्रीन, टेलीफोन, पब्लिक एड्रेस सिस्टम समेत अन्य सामान जलकर नष्ट होने के साथ ही स्टोर रूम के बाहर करीब 50 मीटर की दूरी तक फाल सीलिंग व उसके अंदर लगे उपकरण भी जल चुके थे।
शाम को गया था कर्मचारी, रात में लग गयी आग
मूमेंटम टेक्सेस के प्रॉजेक्ट मैनेजर अमित गुप्ता ने बताया स्टोर रूम की सुरक्षा के लिए गार्ड अजीत वहां हमेशा तैनात रहता था। हालांकि सोमवार की शाम वह अपने भाई की तबियत खराब होने की बात कहकर घर चला गया था। जिसके बाद देर रात आग लग गयी।
नुकसान का नहीं हो सका आंकलन
प्रॉजेक्ट मैनेजर ने बताया कि आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि आग में सामानों के साथ ही स्टॉक रजिस्टर भी जल जाने से सही क्षति का अनुमान सारे सामान के मिलान के बाद ही किया जा सकेगा।
जरूरत से सालों पहले मंगाया सामान, पेमेंट में भी की नियमों की अनदेखी!
इस आग के साथ ही एक बार फिर सामने आ गया कि एलडीए के इंजीनियर ने पूर्व मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट में जमकर गड़बड़ी की थी। सूत्रों की माने तो निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लगने वाले इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों को कमीशन की हड़बड़ी में तत्कालीन इंजीनियरों ने करीब तीन साल पहले ही खरीद लिया था।
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इतना ही नहीं करीब 20 करोड़ की लागत से खरीद गए इन सामानों का भुगतान करने में भी इंजीनियरों ने नियमों को दरकिनार करते हुए 80 प्रतिशत तक पेमेंट कर दिया। कहा ये भी जा रहा है कि इतने लंबें समय से इस्तेमाल में नहीं आने के चलते उपकरणों की क्षमता भी प्रभावित हो रही थी।
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आग की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एफएसओ गोमतीनगर शांतानु कुमार यादव ने बताया कि आग कैसे लगी अभी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। स्टोर रूम के अंदर वॉयरिंग की भी बात सामने नहीं आयी है। मामले की जांच की जा रही है, साथ ही कंपनी से भी सामानों की बिल मांगी गयी है।
अभी बिल्डिंग एलडीए को हैंडओवर नहीं है। इसलिए जो भी वहां नुकसान होता है, उसके लिए कंपनी जिम्मेदार है। आग लगने से एलडीए का कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रभु एन सिंह, एलडीए उपाध्यक्ष
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