JPNIC, हेरिटेज जोन की जांच करने पहुंचे मंत्री LDA के झूठ पर भड़क कर लौटे

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जेपीएनआईसी में निरीक्षण के दौरान योगी सरकार के मंत्री व एलडीए के अफसर।

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद जिस दिन का सामना करने से लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी और इंजीनियर डर रहे थे आखिर वह दिन आज आ ही गया। गोमतीनगर में करीब 865 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे जेपीएनआईसी का निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन और राज्‍य मंत्री सुरेश पासी ने मौके पर एलडीए का झूठ पकड़े जाने पर इंजीनियर और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

जबकि हेरिटेज जोन का काम देखने पहुंचे मंत्री चीफ इंजीनियर और वीसी के ठीक से जानकारी नहीं देने की वजह से जानकारी और पेपर जुटाकर रखने की चेतावनी देने के साथ ही बिना पूरा काम देखे ही लौट गए।

आधा काम भी नहीं हुआ बता दिया 84 प्रतिशत पुरा

आशुतोष टंडन ने कहा कि एलडीए के अधिकारियों ने बताया था कि जेपीएनआईसी में 84 प्रतिशत काम हो चुका है, जबकि यहां 50 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है। उन्‍होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण के नाम का भी ख्‍याल नहीं रखा गया। वह नमक रोटी भी खा लेते थे। इसके बाद भी बेहद वीवीआईपी चीज बना दी गई है, यहां आने की हिम्‍मत भी गरीब आदमी नहीं कर सकता।

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कैबिनेट मंत्री ने ‘चार आना’ दुकान के सामानों का रेट देखकर भी एलडीए अधिकारियों को फटकार लगाई। रोजमर्रा के मामूली सामानों का दाम बाजार से कई गुना ज्‍यादा देखने के बाद उन्‍होंने कहा कि कोई गरीब तो यह सामान खरीदने की सोच भी नहीं सकता। पूरी तरह से जनता के पैसे और करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की जमीन की बर्बादी की गई है।

सुरेश पासी ने बिल्डिंग के ऊपर बन रहे हेलीपैड पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नीचे भी बन सकता था, सिर्फ लागत बढ़ाने के लिए यह सब किया गया। दोनों मंत्रियों ने जेपीएनआईसी में सैकड़ों करोड़ के घोटाले की आशंका जताई है।

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निरीक्षण के लिए पहुचें कैबिनेट मंत्री इस कदर भड़के हुए थे कि उन्‍होंने चीफ इंजीनियर ओपी मिश्रा का बुके लेने से भी यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह यहां स्‍वागत कराने नहीं आए है।

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हेरिटेज जोन के संवारने को सच्चांई जानने पहुंचे बीजेपी के मंत्री। फोटो-आरयू

पिछली सरकार के हैंग ओवर से नहीं निकल पाया एलडीए

जेपीएनआईसी के बाद हेरिटेज जोन का काम देखने पहुंचे कैबिनेट मंत्री को एलडीए के इंजीनियर सही जानकारी नहीं दे सके। जिससे भड़के आशुतोष टंडन ने कहा कि न कोई फाइल दिखा रहा है, न किसी को यह मालूम है कि पेड़ किसने कटवाएं, पुरातत्‍व विभाग से काम की परमिशन ली गई की नहीं। बिजली किसने लगवाई, विदेशी सामान किसने मंगवाया। कहने को एलडीए कार्यदायी संस्‍थ है।

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उन्‍होंने कहा कि एलडीए अभी पिछली सरकार के हैंग ओवर से नहीं निकल पाया है। कार्रवाई होगी तो सब समझ आ जाएगा। कैबिनेट मंत्री ने एलडीए चीफ इंजीनियर और वीसी से कहा कि जानकारी और कागज जुटाकर रखें हम लोग फिर आएंगे।

जिसके बाद दोनों मंत्री बिना पूरा काम देखे ही लौट गए। योगी के मंत्रियों के तेवर देख एलडीए के जुगाड़ु इंजीनियर और अधिकारियों ने  योगी सरकार में मजबूत लिंक तलाशना शुरू कर दिया है।

कैबिनेट मंत्री की अध्‍यक्षता में टीम कर रही जांच

बताते चलें कि 190 करोड़ रुपए में जेपीएनआईसी तैयार होना था, लेकिन एलडीए ने मानकों को ताख पर रखकर इसकी लागत 865 करोड़ रुपये कर दी। इसी तरह हेरिटेज जोन के काम को भी 68 करोड़ में पूरा होना था, लेकिन उसकी भी लागत करीब तीन गुनी कर दी गई। इतना ही नहीं दोनों ही प्रॉजेक्‍ट तय सीमा से काफी लेट चल रहे है।

मामला चर्चा में आने के बाद कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन की अध्‍यक्षता में योगी सरकार इनकी जांच करा रही है। जांच के लिए बनी टीम में राज्‍य मंत्री आवास सुरेश पासी भी शामिल है।

‘राजधानी अपडेट’ ने उठाए थे JPNIC पर सबसे पहले सवाल

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जेपीएनआईसी की चार आना में निरीरक्षण करते योगी के मंत्री।

गौरतलब है कि ‘राजधानी अपडेट’ ने सबसे पहले पिछले साल पांच नवंबर को ‘सीएम का डर न लोकनायक का सम्‍मान जेपीएनआईसी में एलडीए की खुली लूट’ हेडिंग समेत तीन न्‍यूज पोस्‍ट कर जेपीएनआईसी में बिक रहे सामनों के अनाप-शनाप रेट पर सवाल उठाने के साथ ही पूरे प्रॉजेक्‍ट में बड़े घोटाले की आशंका जाहिर की थी।

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लेकिन सपा सरकार में इस ओर कोई खास ध्‍यान नहीं दिया गया और एलडीए की मनमानी चलती रही। अब सूबे की सरकार बदलने के साथ ही धीरे-धीरे हमारी खबर पर मुहर लगना शुरू हो गई है।

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हम लोगों से निरीक्षण के लिए कहा गया था, उसको कर लिया गया है। दोनों कामों में बड़े घोटाले की प्रबल संभावना है। पूरी स्थिति से मुख्‍यमंत्री जी को अवगत कराया जाएगा। आगे फैसला वही लेंगे।  आशुतोष टंडन, कैबिनेट मंत्री

एक सरकार का काम दूसरी सरकार को कम ही पसंद आता है। दोनों की विचारधारा अलग होती है। एलडीए से जो भी कागज और जवाब मांगे गए है, सब मंत्री जी को उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं।  सत्‍येंद्र सिंह यादव, एलडीए उपाध्‍यक्ष