आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुंबई की एक जनसभा में विरोधी पार्टियों की तुलना सांप-नेवला व कुत्ता-बिल्ली से करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर शनिवार को बसपा सुप्रीमो ने अमित शाह पर तगड़ा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि कुछ इसी प्रकार की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी किया गया था, जिसके लिए जनता ने उन्हें करारी हार का सबक सिखाया है, लेकिन अमित शाह अपनी आपराधिक मानसिकता व संघी चाल-चरित्र से मजबूर नजर आते हैं। जिसे देश की जनता नजरअंदाज नहीं करने वाली है।
ऐसी कथनी-करनी से होगा नए भारत का निर्माण
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने हमले में समेटते हुए कहा कि अमित शाह का ये बयान साबित करता है कि नरेंद्र मोदी व अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा का स्तर किस हद तक गिर गया है। अपने बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश की जनता के सामने यह सवाल खड़ा है कि क्या ऐसी असभ्यता व बदजुबानी देश की सत्ताधरी पार्टी को शोभा देती है? क्या इनकी ऐसी ही करनी से नए भारत का निर्माण होगा?
जनविरोधी रवैये के चलते अपने साथियों से झेल रहे अविश्वास प्रस्ताव का दंश
संसद नहीं चलने के मामले को लेकर आज मायावती ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व अमित शाह के अहंकारी व गरीब और जनविरोधी रवैये के कारण मोदी सरकार को अपने पुराने मित्रों से ही अविश्वास प्रस्ताव का दंश झेलना पड़ रहा है।
जानबूझकर नहीं चलने दी संसद
बसपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि केंद्र में अकेली पड़ी चुकी सरकार ने संसद नहीं चलने दी, क्योंकि मोदी सरकार को मालूम है कि जब अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी तो गरीब व किसान-विरोधी नीति एवं कार्यकलापों के साथ-साथ इनकी धन्नासेठ समर्थक नीतियों के कारण सरकारी भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार की घोर लापरवाही व बड़े-बड़े बैंक घोटालों में इनकी संलिप्तता का मुद्दा ज्यादा हावी रहेगा। इसलिए जानबूझकर संसद को लगभग तीन सप्ताह तक नही चलने दिया गया।