आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। चारबाग इलाके में मंगलवार को दो होटलों में हुए अग्निकांड में छह बेकसूरों की दर्दनाक मौत के बाद आखिरकार बुधवार को राजधानी के जिम्मेदारों की नींद टूट ही गयी। जिला प्रशासन की टीम ने अभियान चलाकार आधा दर्जन मौतों के जिम्मेदार दोनों होटलों पर ताला लगाने के साथ ही एक अन्य होटल व लाज को भी सील कर दिया है।
दोपहर में सिटी मजिस्ट्रेट विवेक श्रीवास्तव और एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, अग्निशमन व अन्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई के लिए घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे। जहां उन्होंने आग में बुरी तरह से जल चुके विराट और एसएसजे होटल को सील कर दिया।
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अधिकारियों को हरकत में देख अवैध, होटलों व लॉज के रूप में विकसित हो चुकी मंडी में हड़कंप मच गया। कई होटल व लॉज संचालकों ने अपने बोर्ड हटा लिए। वहीं अवैध रूप से संचालित हो रहे शक्ति लॉज का मैनेजर तो ताला लगाकर भाग निकला, जबकि लॉज के अंदर कुछ यात्री मौजूद थे।
पुलिस ने लोगों को बाहर निकालने के साथ ही लाज को सील कर दिया। हालांकि नाका इंस्पेक्टर का कहना था कि होटल मैनेजर लोगों को बंदकर भागा नहीं था, बल्कि उसके यहां स्टॉफ नहीं होने के चलते वह लॉज में ताला बंदकर पास के होटल में खाना खाने गया था, जो बाद में खुद ही लौट आया।
एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि एसएसजे होटल के पास में ही स्थित मेघा होटल को भी सील कर दिया गया। मेघा और एसएसजे होटल का मालिक एक ही व्यक्ति सुरेंद्र जायसवाल है।
वहीं पुलिस व प्रशासन की टीम ने इलाके में ही स्थित मेट्रो, कावेरी व अमित समेत अन्य होटलों में सुरक्षा के मानक जांचने के साथ ही होटल संचालकों से फायर, बिजली, एलडीए व अन्य विभागों से एनओसी के कागजात मांगें हैं।
एएसपी वेस्ट ने कहा कि जनता की सुरक्षा के मानकों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। आगे भी अभियान चलाकर होटल व लॉज में मानकों का पालन हो रहा है या नहीं इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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