आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते चारबाग के दो अवैघ होटलों में मासूम सहित छह लोगों की जलकर दर्दनाक मौत होने के मामले में नाका पुलिस ने खुद अपनी ओर से तहरीर देकर दोनों होटल के मालिकों के साथ ही उनके प्रबंधकों और कर्मचारियों के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
वहीं योगी सरकार में भी भ्रष्टाचार और लापरवाही के लिए चर्चा में रहने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण में अब भी दोषियों को बचाने के लिए जद्दोजेहद शुरू हो गयी है। अवैध रूप से बेसमेंट समेत तैयार किए गए छह मंजिला दोनों होटलों से जुड़ी फाइलें ही एलडीए को नहीं मिल रही है। सुबह से लेकर देर शाम तक रिकॉर्ड रूम में फाइलें ही ढूंढवाने की बात एलडीए के अधिकारियों की ओर से कही जाती रही।
दूसरी ओर हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश जारी किया है। डीएम ने इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट विवेक श्रीवास्तव को नामित किया है, जो तमाम बिन्दुओं पर जांच पूरी कर एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। वहीं योगी सरकार ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ मुआवजे का ऐलान किया है, बल्कि इसकी जांच एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्ण को सौंपी है। जो जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को देंगे।
मालिक व कर्मचारी चेतते तो, न होती इतनी तबाही
हादसे के बाद होटल मालिक और कर्मचारियों के भागने ने हादसों को भयावह बना दिया। लोगों का मानना था कि आग लगने के बाद कर्मचारी सजग होकर मौके पर मौजूद रहते तो शायद हादसा इतना विभत्स रूप नहीं ले पाता। एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि हादसे के बाद होटल मालिक से लेकर मैनेजर व अन्य कर्मचारियों के भागने के चलते हालात और बिगड़ गए। पुलिस को रास्ता बताने वाला कोई नहीं था कई कमरें खाली थे उसका दरवाजा तोड़ने में भी पुलिस व फायर विभाग के जवानों का काफी समय बरबाद हुआ।
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तमाम बिन्दुओं को देखते हुए एसएसआइ अशरफुलऐन सिद्दीकी की तहरीर पर एसएसजे इंटरनेशनल के मालिक सुरेंद्र जायसवाल, विराट इंटरनेशनल के मालिक अर्पित जायसवाल व दोनों होटलों के प्रबंधक व कर्मचारियों के खिलाफ भदवि की धारा 285, 337, 338, 304 व 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं सीओ कैसरबाग अमित कुमार राय ने कहा कि दोनों होटल मालिकों कि जल्द ही गिरफ्तारी करने के साथ ही पुलिस होटल मैनेजर व अन्य कर्मचारियों का नाम पता कर मुकदमें में जोड़ेगी।
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दूसरी ओर मंगलवार की देर शाम एलडीए सचिव मंगला प्रसाद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से 90 साल की लीज पर दिए गए प्लॉट संख्या 46 व 46ए पर दोनों होटल बनाए गए थे। मानकों के विपरीत दोनों होटल कब और कैसे बनें और उन पर क्या कार्रवाई की गयी थी इसके लिए रिकॉर्ड रूम से फाइलें ढूंढवाई जा रही हैं। आजकल में फाइलें मिल जाएंगी। हादसे को लेकर मैं खुद भी दुखी हूं, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बिना नक्शें के तैयार हो गया छह मंजिला विराट, एसएसजे घर के नक्शे पर हुआ तैयार
एलडीए के अफसर इंजीनियर भले ही फाइल ढूंढवाने की बात करते रहें, लेकिन एलडीए के ही सूत्र बताते है कि अग्निकांड में खाक हुए विराट इंटरनेशनल का नक्शा ही नहीं पास किया गया था। जबकि एसएसजे इंटरनेशनल का आवासीय नक्श पास कराया गया था। हालांकि वर्तमान निर्माण के हिसाब से वह नक्शा भी कहीं फिट नहीं बैठता।
बेसमेंट में भरा खौलता पानी, लाशों के होने का अब भी अंदेशा
एसएसजे इंटरनेशनल के बेसमेंट में पार्किंग की जगह बार बनाया गया था। आग लगने के समय वहां मौजूद शराब ने पेट्रोल का काम किया। जबकि आग बुझने के बाद पूरी तरह से पैक बेसमेंट रात तक तंदूर की तरह धधकता रहा। इसमें जमा पानी खौल रहा था।
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मौके पर जुटे आसपास के लोगों का कहना था कि पानी में किसी की लाश हो सकती है, क्योंकि अकसर कर्मचारी मालिक से बचकर एसी की लालच में बार में ही चुपचाप सो जाते थे। लोगों की आशंका पर क्षेत्रिय चौकी इंचार्ज ने बेसमेंट में जाना चाहा, लेकिन खौलते पानी और दहकती दीवारों के बीच चंद कदम बढ़ाते ही उनकी हिम्मत जवाब दे गयी और वो वापस लौट आए। इस बारे में सीओ कैसरबाग का कहना था कि किसी भी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है बेसमेंट कुछ ठंडा होने पर एक बार फिर इसे खाली करवाकर दिखवाया जाएगा।
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