आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षकों को सम्मानित कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों ने मानदेय बंद किए जाने पर अपना सिर मुडवां कर प्रदर्शन करने के साथ ही विरोध मेें कटोरा लेकर भीख भी मांगी। इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को पुलिस ने बलपूर्वक खदेड़ा दिया, जिसके बाद दोनों में झड़प भी हुई।
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30 हजार रुपये मानदेय देने की मांग करते हुए वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों ने बुधवार को आवाज बुलंद करने के साथ ही हजरतगंज गांधी प्रतिमा के पास उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के आवाहन पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। साथ ही अटल बिहारी वाजपेई इंटर कॉलेज शाहजहांपुर की प्राचार्य रेनू मिश्रा ने सिर मुड़वाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।
इतना ही नहीं महासभा के अध्यक्ष व एमएलसी उमेश द्विवेदी, कार्यकारी अध्यक्ष संजय मिश्रा के साथ कई अन्य टीचरों ने भी अपने सिर मुंडवाएं उन्होंने कहा कि पहले शिक्षकों को एक हजार रुपये मानदेय मिलता था, लेकिन जब से भाजपा सरकार आई है, इसे बंद कर दिया गया। जबकि तमाम शिक्षक एमएससी-बीएड पास हैं।
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसके बाद पुलिस व शिक्षकों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस प्रदर्शनकारियों से इको गार्डेन जाने की अपील की, लेकिन जब वह नहीं माने तो बलपूर्वक उन्हें खदेड़ा गया। इसके चलते भगदड़ मच गई।
एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मीडिया को बताया कि जब पुलिस ने बलपूर्वक शिक्षकों को उठाना शुरू किया तो उनके सिर के आधे बाल ही कटे थे। वह चिल्लाते रह गए कि पूरे बाल कट जाने दो, लेकिन पुलिस ने गाड़ी पर जबरन बैठा लिया इसके बाद शहर भर में घुमाया और फिर घंटो बाद इको गार्डेन स्थित धरना स्थल पर जाकर छोड़ दिया। शिक्षकों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, प्रदर्शन जारी रहेगा।
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