आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों को सुधरने और भ्रष्टाचार से दूर रहने का निर्देश दें रहें हैं, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही दो विधायकों ने मुख्यमंत्री के अधीन विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के बेहद संगीन आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है।
एटा जिले की मारहरा विधानसभा से विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी और बदायूं जनपद के शेखूपुर से भाजपा विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने एलडीए में खुलेआम भ्रष्टाचार होने के साथ ही कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होने का आरोप लगाया है। दोनों विधायकों ने राज्य सतर्कता आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरे मामले की गोपनीय जांच कराने व अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति होने की जांच की भी मांग की है। एक विधायक ने अपने पत्र में यहां तक कहा है कि पिछली सरकार से दुगना भ्रष्टाचार इस समय हो रहा है।
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वीरेंद्र सिंह ने जहां बीते 22 अगस्त तो वहीं धर्मेंद्र शाक्य ने 27 अगस्त को सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर ये मांगें उठायी हैं। बुधवार को दोनों का पत्र सोशल मीडिया पर वॉयरल होने पर मामला सामने आया है।
एलडीए के अधिकारियों पर बीजेपी विधायकों के आरोप-
- नगर नियोजक और मानचित्र सेल के अधिकारी नक्शा पास करने के एवज में 20 से 50 लाख रुपए की मांग कर रहें हैं। मांग पूरी नहीं होने पर बिना वजह की आपत्ति लगाकर नक्शा नहीं पास किया जा रहा है।
- अधिकारी अवैध निर्माण कराकर भारी वसूली करते हैं। आवासीय का नक्शा पास कर कॉमर्शियल निर्माण अधिकारी कराते हैं। बदले में हर फ्लोर के हिसाब से पैसा वसूलते हैं।
- ये अधिकारी टाउनशिप वाली कंपनियों से करोड़ों की वसूली करते हैं, जबकि टाउनशिप वाले ग्राहकों को ठगकर एलडीए के अधिकारियों को देते हैं।
- विधायकों ने ये भी दावा किया है कि 500 करोड़ की रिजर्व कीमत वाले शान-ए-अवध को अधिकारियों ने मुंबई की कंपनी को 438 करोड़ में बेच दिया गया। इसमें भी अधिकारियों ने 62 करोड़ का घोटाला किया है।
- इसके अलावा अंसल टाउनशिप के घोटाले को भी भ्रष्टाचार के दम पर अधिकारियों पर दबाने का आरोप लगाया गया है।
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क्या बोले विधायक-
अधिकारियों के तमाम भ्रष्टाचार से योगी सरकार की छवि खराब हो रही है। साथ ही शान-ए-अवध को कम दाम पर बेचा गया जिससे राजस्व की भी क्षति हुई है। इन सब मामलों के संज्ञान में आने के बाद शिकायत कर जांच की मांग की गयी है। किसी भी अधिकारी को सरकार की छवि नहीं खराब करने दिया जा सकता।
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वीरेंद्र सिंह लोधी, भाजपा विधायक मारहरा विधानसभा (एटा)
एलडीए के अधिकारियों से पीडित एक व्यक्ति ने मामला हमारें संज्ञान में लाया था। जिसके बाद मैंने जांच के लिए सर्तकता आयोग को पत्र लिखा है। सरकार में अधिकारी अच्छे है तो, कुछ खराब भी हैं। हमारे मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि भ्रष्टाचार न हो उसके बाद भी अधिकारी नहीं सुधरेंगे तो फिर अधिकारी छोटा हो या बड़ा जांच कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
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धर्मेंद्र शाक्य, बीजेपी विधायक शेखूपुर विधानसभा, (बदायूं)
मेरे पास अभी शिकायत नहीं आयी है। शिकायत आने पर मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। रही बात शान-ए-अवध की तो उसके बेस प्राइज करीब 424 करोड़ रुपए था। जिसके एवज में एलडीए को 452 करोड़ रुपए मिला है। इसके अलावा सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी अलग से लगी है।
प्रभु एन सिंह, एलडीए उपाध्यक्ष
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