आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो दिवसीय दौरे के दौरान वाराणसी में घोषित की गयी विभिन्न योजनाओं को जुमला करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आता देखकर प्रधानमंत्री दो दिन से लगातार हवा-हवाई घोषणाएं और जुमलों की बारिश कर जनता की भावनाओं से एक बार फिर खेलने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि आनन-फानन में घोषित की गयी किसी भी परियोजना का कोई भी परिणाम लोकसभा चुनाव से पहले नहीं मिल सकता है और पूर्व में की गयीं उनकी तमाम घोषणाओं की तरह यह भी एक ‘इवेंट’ बनकर रह जाएगी।
वहीं राजबब्बर ने प्रधानमंत्री की पिछली घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को आदर्श शहर बनाने की घोषणा अपने प्रत्याशी बनने के साथ ही किया था, लेकिन संवरने की जगह काशी का जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक, अध्यात्मिक स्वरूप था वह भी नष्ट हो गया। वहां के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों और इमारतों को जिस प्रकार तोड़ा गया उसने काशी के मूल स्वरूप को क्षति पहुंचायी है।
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परिणामस्वरूप महीनों से साधु, संत समेत आम जनता सड़कों पर धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर हो गयी है। इसके अलावा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अब गंगा का जल नहाने योग्य भी नहीं बचा है, जबकि प्रधानमंत्री ने मां गंगा ने बुलाया है जैसे भावनात्मक नारे देकर एवं एक मंत्रालय का अतिरिक्त गठन कर नमामि गंगे परियोजना के नाम पर हजारों करोड़ रूपये की धनराशि को भ्रष्टाचार की बलि चढ़ा दी है।
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इसके अलावा प्रधानमंत्री के अन्य नारें जैसे युवाओं को हर साल दो करोड़ रोजगार, किसानों की आय दुगुनी, 15 लाख रूपये खाते में जमा करने, मंहगाई को कम करने आदि की भांति काशी को क्योटो बनाने का नारा भी जुमला साबित हुआ है। प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क नजर आने लगा है। इन सबको देखते हुए इस बार यूपी की जनता जुमलों में फंसने वाली नहीं है।