आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। करीब महीना भर पहले ठाकुरगंज इलाके में रेप के बाद आठ वर्षीय मासूम की जान लेने वाले दरिदें को आखिरकार पुलिस ने धर दबोचा है। इतना संगीन अपराध करने के बाद भी एक महीना पुलिस को छेकाने वाले दरिंदे को पुलिस ने आज मीडिया के सामने पेश करते हुए इस बात की जानकारी दी।
एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने शनिवार को ठाकुरगंज कोतवाली में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि मूल रूप से सीतापुर जनपद (हरगांव) का निवासी 30 वर्षीय हारुन किराए का कमरा लेकर ठाकुरगंज इलाके में रह रहा था।
हारुन ने पुलिस को बताया कि बीते 27 अक्टूबर की रात वो खाना खाकर बंधे वाली रोड के पास टहल रहा था, तभी उसकी नजर मासूम पर पड़ गयी और सुनसान इलाके में बच्ची को देख उसकी नियत डोल गयी। जिसके बाद उसने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना डाला। इस दौरान न सिर्फ उसने बच्ची की पिटाई की बल्कि मासूम के चीखने और पकड़े जाने के डर से उसने मासूम का गला और मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद अगले दिन घटनास्थल पर मौजूद था दरिंदा
एसपी पश्चिम ने बताया कि हत्या के बाद अगले दिन बंधे के समीप लाश मिलने की जानकारी पर मौके पर भीड़ जुटी तो उस समय भी हारून वहां मौजूद था। हालांकि पकड़े जाने के डर से वो वहां से भाग निकला था। जिसके बाद वो सीतापुर, दिल्ली व बहराइच में छिपता रहा।
ऐसे आया पकड़ में हारून
विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि घटना के बाद छानबीन करने पर हारुन की गतिविधियों को संदिग्ध देख लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन लगातार लोकेशन बदलते रहने की वजह से सर्विलांस की टीम भी उसे पूरी तरह से ट्रेस नहीं कर पा रही थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो भाग जाता था। इसी दौरान उसके बहराइच में होने का पता चला जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर आखिरकार उसे गिरफ्तार ही कर लिया।
वहीं पुलिस ने हारुन को आइपीसी की धारा 302, 201, 376, 120बी के अलावा पोक्सो एक्ट 3/ 4 के तहत चालान कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
हरकतों से तंग पत्नी रह रही थी एक साल से अलग
हारुन की आदतों से उसकी पत्नी भी परेशान थी। जिसके चलते वो एक साल से उससे अलग अपने मायके में रह रही थी।
बताते चलें कि 27 अक्टूबर की शाम घर से मजलिस में हिस्सा लेने की बात कहकर घर से निकली मासूम की अगले दिन सुबह ठाकुरगंज इलाके में हत्या के बाद लाश मिली थी। परिस्थितिजन्य साक्ष्य रेप के बाद हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। हालांकि पोस्टमॉर्टम के बाद भी पुलिस रेप की बात से इंकार करती रही, लेकिन लैब टेस्ट में मासूम से रेप की पुष्टि हो गयी थी। वहीं इस मामले में ठाकुरगंज पुलिस पर लापरवाही और घूसखोरी के भी आरोप लगे थे।
गिरफ्तारी वाली टीम में इनकी रही अहम भूमिका-
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी कुमार पाण्डेय, एसआइ जनार्दन सिंह यादव, आलोक यादव, हेड कांस्टेबजल अजीजुल हसन, कांस्टेबल विनय सिंह, सुनील पाल, सियाराम यादव।