अयोध्‍या धर्मसभा: विहिप ने कहा बंटवारा नहीं, राम मंदिर के लिए चाहिए पूरी जमीन

अयोध्या धर्मसभा

आरयू ब्‍यूरो, 

अयोध्‍या/लखनऊ। लंबे समय से राम मंदिर निर्माण शुरू होने की आस लगाए विश्‍व हिन्दू परिषद (विहिप) के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं ने रविवार को अयोध्‍या में डेरा डाला। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप व अन्य आनुषांगिक संगठनों की ओर से आयोजित विराट धर्मसभा में अयोध्या पहुंचे थे।  इसको लेकर उनकी सुरक्षा-व्‍यवस्‍था के लिए पुलिस व प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं, ज‍बकि किसी तरह से माहौल न बिगड़ने पाए इसके भी प्रबंध किए गए थे। जय श्री राम के नारों से गूंज रही अयोध्‍या की धरती से आज विहिप ने भाजपा को भी आड़े हाथ लिया है। धर्मसभा में जुटे विहिप कार्यकर्ताओं में भाजपा सरकार को लेकर नाराजगी भी देखी गयी, साथ ही आज एक बार फिर अयोध्‍या में पहले मंदिर फिर सरकार के नारों की गूंज सुनाई दी।

विश्‍व हिंदू परिषद के महामंत्री चंपत राय ने आज कहा कि विहिप को राम मंदिर के लिए जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है, उन्हें पूरी भूमि चाहिये। राय ने विहिप द्वारा यहां आयोजित ‘धर्म सभा‘ में कहा कि ‘‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है। हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिये।

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विहिप ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिन्दू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा। हालांकि राय ने बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया। समझा जा रहा है कि राय का इशारा हाईकोर्ट के फैसले को लेकर था।

इस बीच, अयोध्या विवाद के प्रमुख पक्षकार सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जफर फारूकी ने राय के बयान और फार्मूले के जिक्र के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उनकी जानकारी में मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई फार्मूला नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक मीडिया में मुस्लिम पक्ष द्वारा विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन को छोड़कर बाकी भूमि देने का वादा किये जाने की बात कही जा रही है, तो यह बताना जरूरी है कि हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया।

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फारूकी ने कहा कि हिन्दू पक्ष कभी बातचीत की मेज पर आया ही नहीं। पक्षकार चाहें तो बातचीत से हमने इंकार तो नहीं किया। मुद्दा यही है कि बात किससे की जाए। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत होनी है तो उसमें केंद्र सरकार को मध्यस्थता करनी चाहिये, या फिर सिर्फ पक्षकार ही बैठकर बात करें, इधर-उधर के लोग नहीं।

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बताते चलें सितंबर 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन मुस्लिम पक्ष और बाकी जमीन दो अन्य पक्षकारों को देने का आदेश दिया था। वहीं इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है, जहां उसकी सुनवाई अभी चल रही है। फिलहाल इसकी सुनवाई अगले साल जनवरी में करने की सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों बात कही है।

भाजपा ही बनाएगी राम मंदिर: रामभद्राचार्य

वहीं आज धर्मसभा को संबोधित करते हुए तुलसी पीठाधीश्‍वर चित्रकूट रामभद्राचार्य ने कहा कि अयोध्‍या में राममंदिर का निर्माण भाजपा ही करवाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार के एक बड़े व प्रभावशाली मंत्री से बात हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह दिसंबर के पहले ही अयोध्या मुद्दे पर कुछ करने वाले थे, पर पांच राज्यों में चुनाव होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। मंत्री ने मुझे भरोसा दिलाया कि 11 दिसंबर के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करते हुए राममंदिर कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा। रामभद्राचार्य ने कहा कि रामभक्‍तों को भाजपा की सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। भाजपा की सरकार ही अयोध्या में जल्द राममंदिर बनवाएगी।

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