आरयू वेब टीम।
कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले में पांच अन्य को भी दोषी ठहराया है।
विशेष सीबीआइ न्यायाधीश भरत पाराशर ने एचसी गुप्ता के अलावा निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह-कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया को भी मामले में दोषी ठहराया है।
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इसके अलावा कोर्ट ने कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी मामले में दोषी ठहराया। मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किये गये आवंटन में अनियमितता से संबंधित है।
सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है। अब सजा की दलीलों पर बहस तीन दिसंबर को होगी। दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास की सजा हो सकती है।
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गौरतलब है कि सीबीआइ ने सितंबर 2012 में मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए अपनी कार्रवाई शुरू की थी। एचसी गुप्ता केंद्र की यूपीए सरकार में दो साल तक सचिव के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं। वे 2008 में रिटायर हुए थे।
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