आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के कफिलें पर हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है।
उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र के अलावा दस राज्यों की सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के साथ ही सभी नोडल अधिकारियों से कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने आज अदालत के आदेश और सुरक्षा के व्यापक प्रचार का भी निर्देश दिया है। जिन राज्यों को नोटिस जारी की गयी है, उनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, मेघालय, पश्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड शामिल है। कोर्ट ने इन सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
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सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद कई राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले हो रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए भी कहा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि ये मानवीय समस्या है, नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई। कोर्ट ने कहा है कि नोडल अधिकारी कश्मीरियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को रोकेंगे। इतना ही नहीं गृह मंत्रालय सभी राज्यों को परार्मश भेजेगा और सभी डीजीपी त्वरित कार्रवाई करेंगे।
बताते चलें कि पुलवामा हमले के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए थे। जिसे रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्यों की ओर से नियुक्त नोडल अफसर कश्मीरी या किसी दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के साथ किसी भी तरह के सोशल बॉयकॉट, धमकी, भेदभाव पर नजर रखे और इसे रोकने के लिए जरूरी प्रभावी कदम उठाए।