आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अखिलेश यादव केे उस ट्वीट पर अपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने राज्यपाल को भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करने वाला बताया है। राज्यपाल ने सपा मुखिया के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजनीति में राज्यपाल को लाना संवैधानिक पदों का अनादर है।
राज्यपाल की ओर से अखिलेश को लिखे पत्र में राम नाईक ने कहा मैं राजनीतिक बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। यही तरीका मैंने सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां के बयानों पर भी अपनाया था। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसी बयानबाजी उपयुक्त नहीं है।
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मीडिया में जारी किए गए इस पत्र में यह भी लिखा गया है मैं सोमवार को मैनपुरी के करीब हुई बस दुर्घटना में डॉ. ज्योति व उनकी छह वर्षीय पुत्री की दर्दनाक मौत पर उनके राजाजीपुरम् स्थित आवास पर शोक जताने गया था। डॉ. ज्योति राजभवन चिकित्सालय में तैनात डॉ. अनिल निर्वाण के भाई की पत्नी थी और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में चिकित्सक थीं। उनकी छह वर्षीय पुत्री की भी उनके साथ जलकर मृत्यु हुई थी। ऐसे मौके पर अपने स्टाफ के दुख-दर्द में पहुंचना मैं अपना दायित्व समझता हूं।
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साथ ही यह भी लिखा कि यह तो दुर्घाटना की बात है मैं तो खुशी के अवसर पर भी नेता जी सहित आप जैसे महानुभावों के जन्मदिवस पर बधाई देता हूं और आवास पर भी जाता हूं। चुनाव की घोषणा के बाद मैं किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भी नहीं गया तथा मैंने राजनीतिक वक्तव्य भी नहीं दिए। आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं और पूर्व में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। चुनाव के समय ऐसी बातें उपयुक्त नहीं हैं और आपसे इस तरह के आक्षेप की नहीं की जाती।
यहां बताते चलें कि अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि भाजपा का प्रचार राज्यपाल और सरकारी एजेंसियां कर रही हैं। आज भी राज्यपाल लखनऊ में हुई किसी घटना को देखने गए थे।