सातवें चरण में यूपी के मैदान में हैं आपराधिक छवि के 26 प्रतिशत उम्‍मीदवार, ADR ने जारी की रिपोर्ट, जानें कुछ खास बातें

एडीआर
रिपोर्ट के बारे में मीडिया को जानकारी देते एडीआर के पदाधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के लिए रविवार को उत्‍तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान से पहले गुरुवार को एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। आज हजरतगंज में आयोजित एक प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए एडीआर के पदाधिकारियों ने बताया कि रविवार को यूपी के 13 लोकसभा क्षेत्र महाराजगंज,  कुशीनगर, वाराणसी, गोरखपुर, बांसगांव, गाजीपुर, सलेमपुर, मिर्जापुर, बलिया, घोसी, देवरिया, चंदौली व राबर्ट्सगंज लोकसभा के लिए मतदान होगा। जिसके लिए कुल 167 उम्‍मीदवार मैदान में हैं।

एडीआर ने तीसरे चरण के 167 में से 164 उम्‍मीदवारों के शपथ का विश्‍लेषण करने के बाद पाया है कि यूपी में 13 लोकसभा सीटों पर लड़ने वालों इन उम्‍मीदवारों में 26 प्रतिशत (43) प्रत्‍याशी आपराधिक प्रवृत्ति के मामले में आरोपित हैं, जबकि इनमें से 22 प्रतिशत (36) उम्मीदवार तो गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के मुकदमों में भी आरोपित हैं। जबकि तीन उम्‍मीदवारों का शपथ पत्र स्‍पष्‍ट नहीं होने के चलते विश्‍लेषण नहीं हो सका।

अतीक अहमद पर हैं सबसे ज्यादा आपराधिक मामले

एडीआर के समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा आपराधिक मामले जेल में बंद चल रहे अतीक अहमद पर हैं। अतीक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहें हैं। अतीक के खिलाफ कुल 59 मामले दर्ज हैं जिसमें 80 गंभीर धाराओं के मुकदमे शामिल हैं। वहीं दूसरे स्थान पर वाराणसी से ही कांग्रेस के प्रत्‍याशी अजय राय हैं, जबकि तीसरे नंबर पर अतुल हैं, जो बसपा के टिकट से घोसी से चुनावी मैदान में हैं।

यह भी पढ़ें- बोले अतीक, मीडिया ने बनाया माफिया, अखिलेश के लिए नहीं लड़ेगे चुनाव

एडीआर के अनुसार साल 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में 15 प्रतिशत गंभीर आपराधिक मामले में आरोपित उम्‍मीदवार मैदान में थे, जबकि इस बार के चुनाव में ये आंकड़ा बढ़कर 19 प्रतिशत पर जा पहुंचा है। जो किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है।

220 उम्मीदवारों ने आपराधिक रिकॉर्ड किया घोषित

साथ ही 17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है। जिसमें से 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्‍लेष एडीआर द्वारा किया गया। जिसमें 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया जो 23 प्रतिशत है। इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया जो 19 प्रतिशत रहा। कुल 358 उम्मीदवारों ने अपने को करोड़पति घोषित किया है।

सबसे अमीर उम्‍मीदवार हैं महाराजगंज के पंकज चौधरी

वहीं एडीआर की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसर सातवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों की लिस्‍ट में महाराजगंज से भाजपा के उम्‍मीदवार पंकज चौधरी का नाम सबसे ऊपर है। पंकज की कुल संपत्ति लगभग 37 करोड़ रुपए है। जबकि दूसरे स्थान पर कुंवर रनजीत प्रताप नारायन सिंह है जो कुशीनगर से कांग्रेस के उम्‍मीदवार है। रंजीत की कुल संपत्ति 29 करोड़ से अधिक है।

यह भी पढ़ें- मऊ में एक ही मंच से मोदी व भाजपा पर बरसे अखिलेश-मायावती, अतुल राय को जिताने कि अपील भी की

साथ तीसरे स्थान पर वाराणसी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्‍याशी अतीक अहमद का नाम है, जिनकी कुल संपत्ति करीब 25 करोड़ रुपए है। हालांकि यहां बताते चलें कि अतीक अहमद ने पेरोल नहीं मिलने की वजह से वाराणसी लोकसभा का मैदान छोड़ दिया है।

आठ प्रतिशत महिलाओं को बनाया गया उम्मीदवार

सातवें चरण में 29 प्रतिशत उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है। जबकि 61 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक है। वहीं मात्र आठ प्रतिशत महिलाओं को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है।

यह भी पढ़ें- मोदी पर मायावती का पलटवार, फूट डालो राज करो की नीति अपना रहें प्रधानमंत्री, भविष्‍य में गठबंधन योगी सरकार को भी उखाड़ फेकेगा

एडीआर के यूपी हेड संजय सिंह ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 के सापेक्ष जिस तरह से 2019 में गंभीर दागी प्रत्याशियों की संख्या में बढोत्तरी हुई है, यह बहुत ही चिंता का विषय है, इसी प्रकार से यदि अपराधियों की संख्या बढती रही, तो आने वाले समय में लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा।