आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को अपनी पार्टी के एक दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री पर बड़ी कार्रवाई की है। बसपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय को बसपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ दगा करने व भाजपा का साथ देने के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया है।
मंगलवार की सुबह बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम की ओर मीडिया को दी गयी जानकारी के अनुसार सादाबाद क्षेत्र के बसपा विधायक व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे थे। इसकी जानकारी होने पर बसपा की ओर से उन्हें सचेत भी किया गया था, लेकिन पूर्व मंत्री द्वारा उक्त गतिविधियां न सिर्फ बंद नहीं की गयी, बल्कि रामवीर उपाध्याय ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को बढ़ाते हुए आगरा, फतेहपुर सिकरी, अलीगढ़ व अन्य लोकसभा सीटों पर बसपा के प्रत्याशियों का खुलकर विरोध किया। साथ ही भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन भी किया गया। आपका ये काम गंभीर अनुशासनहीनता।
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बसपा के राष्ट्रीय महासचिव के अनुसार पार्टी ने इन्हीं वजाहों से रामवीर उपाध्याय को बसपा से तत्काल प्रभाव से मंगलवार को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें विधानसभा में बसपा के मुख्य सचेतक के पद से भी हटा दिया गया है। इसके साथ ही अब बसपा के किसी भी कार्यक्रम या मीटिंग में पूर्व मंत्री भाग नहीं लेंगे और न ही इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि रामवीर उपाध्याय ने बसपा में रहते हुए उस समय लोगों को हैरत में डाल दिया था, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अलीगढ़ में भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट करने की अपील मंच से कर दी थी। अलीगढ़ में रामलीला मैदान में परशुराम सेवा संस्थान के 18वें होली मिलन समारोह एवं प्रांतीय विप्र सम्मेलन में पहुंचे रामवीर उपाध्याय ने जनता से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सतीश गौतम को जिताने की अपील कर दी थी। इसके बाद से ही वो बसपा सुप्रीमो के निशाने पर चल रहे थे, हालांकि पूर्व मंत्री ने भाजपा के प्रति अपनी नरमी लगातार बनाए रखी।
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बताते चलें कि अभी हाल ही में रामवीर उपाध्याय उस समय भी चर्चा में आ गए थे जब उनको धमकी भरा पत्र भेजकर 22 करोड़ रुपए रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया था। पुलिस ने दर्ज मुकदमे के हवाले से मीडिया को बताया था कि जिले के सादाबाद क्षेत्र के बसपा विधायक पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को गत बुधवार को स्पीड पोस्ट से एक धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में उनसे 22 करोड़ रुपए बतौर रंगदारी मांगे गए हैं। रंगदारी नहीं देने पर उनके परिवार के किसी बच्चे के अपहरण की धमकी दी गई थी।