आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों में से एक ने शाहीन बाग में सड़क अवरोध पर एक हलफनामा दायर किया है। पूर्व आइएएस व पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने शाहीन बाग के धरनास्थल का दौरा कर अपने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास पांच रास्तों को बंद कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ कल इसपर सुनवाई करेगी। हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई। अगर इन अवरोधों को हटा दिया जाता है तो यातायात सामान्य हो जाएगा।
हलफनामें में उन्होंने आगे कहा, ”पुलिस ने अनावश्यक रूप से सड़कों को अवरुद्ध किया है, जिससे लोगों को समस्या हो रही है। पुलिस द्वारा जांच के बाद स्कूल वैन और एम्बुलेंस को सड़कों से गुजरने की अनुमति है।’ हबीबुल्ला का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के बारे में सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए। गौरतलब है कि शाहीन बाग पर सुनवाई सोमवार को है। वजाहत हबीबुल्ला ने भी भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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बताते चलें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया था। प्रदर्शनकारियों से बातचीत करके मध्यस्थ शाहीन बाग में रास्ता खुलवाने का प्रयास जारी है।
इससे पहले शाहीन बाग में सीएए विरोध में जारी आंदोलन के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम धरने पर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि यह धरना कहां हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारी चिंता इस बात पर है कि यह प्रदर्शन सड़क पर किया जा रहा है, इस केस या फिर किसी भी केस में सड़क को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।